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भारत बंद का आंशिक असर, काग्रेस अकेले सड़क पर

बैलगाड़ी पर सवार पूर्व सासद ने किया प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व, प्रदर्शन में जुटी भीड़

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 02:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Sep 2018 02:45 PM (IST)
भारत बंद का आंशिक असर, काग्रेस अकेले सड़क पर
भारत बंद का आंशिक असर, काग्रेस अकेले सड़क पर

जागरण संवाददाता, उन्नाव : डीजल-पेट्रोल में हो रही बेतहाशा मूल्यवृद्धि के विरोध में काग्रेस के भारत बंद के आह्वान का शहर में आशिक असर रहा। सासद के प्रभाव वाले क्षेत्रों में गिनी चुनी दुकाने बंद रहीं। बाजारों में रोज की तरह चहल-पहल रही और दुकानें खुली रहीं। काग्रेस कार्यकर्ताओं ने पूर्व सासद के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन जुलूस में बैलगाड़ी और तागा भी शामिल रहे। भारी संख्या में महिलाओं की भीड़ भी जुटी लेकिन काग्रेस कार्यकर्ताओं ने बाजार बंद कराने का कोई प्रयास नहीं किया।

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सोमवार को पूर्वाह्न 11 बजे रामलीला मैदान से विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ। पूर्व सासद अन्नू टंडन बैलगाड़ी पर सवार आगे चलीं तो उनके पीछे बैलगाड़ी और तागा पर सवार काग्रेस नेता सरकार विरोधी नारेबाजी करते चल रहे थे। सबसे आगे युवक काग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अंकित सिंह परिहार पैदल बाइक को धक्का लगाते चल रहे थे उनके पीछे भारी संख्या में युवा और महिलाएं काग्रेस का झडा लिए केंद्र सरकार विरोधी नारे लगाते चल रहे थे। रामलीला मैदान से छोटा चौराहा, बड़ा चौराहा, आईबीपी तिराहा, ओवरब्रिज होते हुए प्रदर्शनकारी कलेक्ट्रेट पहुंचे। जहा एडीएम बीएन यादव को राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन दिया। काग्रेस के आह्वान पर बंद भले ही बेअसर रहा हो लेकिन भीड़ जुटा सासद शक्ति प्रदर्शन में सफल रहीं। खास बात यह थी कि प्रदर्शनकारियों ने कहीं भी दुकानें बंद कराने का कोई प्रयास नहीं किया सिर्फ वही दुकानें बंद रहीं जिन्होंने स्वत: बंद कर रखी थी। प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष, वीरप्रताप सिंह, कमल तिवारी, अवधेश सिंह, अजय श्रीवास्तव, विश्वास निगम, आदि शामिल रहे।

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शहर छोड़ नहीं रहा बंद का असर

मंहगाई के विरोध में भारत बंद के आह्वान का असर शहर में तो आशिक रहा लेकिन अन्य क्षेत्रों में कहीं नजर नहीं आया। तहसील मुख्यालयों की बाजार भी खुले रहे।

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कहीं नजर नहीं आए सपाई

डीजल और पेट्रोल में हो रही मूल्यवृद्धि पर सरकार को घेरने के लिए काग्रेस के भारत बंद का सपा ने भी समर्थन दिया पर जिले में कहीं भी पार्टी के कार्यकर्ता या नेता प्रदर्शन के लिए या बंद सफल कराने को बाजार में नहीं दिखे। मूल्यवृद्धि के विरोध में काग्रेस अकेले दम लगाती दिखी।


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