52 गांवों में नहीं बना एक भी आयुष्मान गोल्डन कार्ड
जागरण संवाददाता उन्नाव प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत भी स्वास्थ्य विभाग क
जागरण संवाददाता, उन्नाव : प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत भी स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की भेंट चढ़ गई। योजना लागू होने के ढाई वर्ष बीतने के बाद भी जिले 52 गांवों के लोगों के आयुष्मान गोल्डन कार्ड नहीं बनाए गए। गांववार लाभार्थियों की समीक्षा में इसका राजफाश होने के बाद स्वास्थ्य विभाग को कार्ड बनाने की याद आई है। अब इन गांवों में शिविर लगा गोल्डन कार्ड बनाने की कवायद शुरू करने का खाका तैयार किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब वर्ग के लोगों को सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक का इलाज करने की सुविधा देने के लिए अप्रैल 2018 में आयुष्मान भारत योजना लागू की थी। इस योजना की अन्य देशों ने भी सराहना की थी। लेकिन जिले के स्वास्थ्य विभाग में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की सबसे लोकप्रिय योजना को भी गंभीरता से नहीं लिया। जिले के 1054 गांवों में से 52 गांव ऐसे हैं जहां एक भी लाभार्थी का गोल्डनकार्ड नहीं बना है। इसका खुलासा समीक्षा में हुआ है।
-----
एक नवंबर से लगेंगे शिविर
- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 52 गांवों में आयुष्मान गोल्डन कार्ड न बनने को गंभीरता से लेते हुए डीएम रवींद्र कुमार ने स्पष्टीकरण मांगने के साथ ही 1 नवंबर से सभी गांवों में शिविर लगाकर लाभार्थियों के कार्ड बनाने का निर्देश दिया है।
-----
आयुष्मान योजना पर एक नजर
जिले में कुल लाभार्थी---3,04,371
गोल्डनकार्ड धारक-------1,95,386
गोल्डन कार्ड से वंचित---1,08,965
संबद्ध प्राइवेट हॉस्पिटल---27
संबद्ध सरकारी हॉस्पिटल----17