पूर्व राज्य मंत्री के बेटे की जमानत याचिका खारिज
दलित युवती हत्या कांड में पूर्व राज्य मंत्री के बेटे की जमानत खारिज
पूर्व राज्य मंत्री के बेटे की जमानत याचिका खारिज
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहर के चर्चित युवती हत्याकांड के मामले में आरोपित पूर्व राज्यमंत्री के बेटे अरुण उर्फ रजोल सिंह की अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने जमानत खारिज कर दी। अभियोजन और पीड़ितों के अधिवक्ता की पैरवी के बाद न्यायालय ने बचाव पक्ष की दलीलों को खारिज करते हुए अपना फैसला सुनाया। <ङ्कक्चष्टक्त्ररुस्न>शहर के एक कालोनी निवासी युवती का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म के बाद हत्याकर शव को हरदोई रोड स्थित आश्रम के पास गड्ढे में दफना दिए जाने के मामले में मां ने पूर्व मंत्री स्वर्गीय फतेह बहादुर सिंह के बेटे अरुण सिंह उर्फ रजोल, कांशीराम कालोनी निवासी रिंकी, सूरज और प्रधान संजय कुमार के खिलाफ अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म, हत्या और साजिश रचने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। इसी मामले में पुलिस ने पूर्व मंत्री के दूसरे पुत्र पूर्व ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह, आश्रम के महंत विनोद मिश्र को भी आरोपित बनाते हुए जेल भेजा था। न्यायालय ने इससे पहले पूर्व ब्लाक प्रमुख अशोक सिंह, रिंकी और संजय की जमानत खारिज दी थी। अरुण उर्फ रजोल सिंह के अधिवक्ता की ओर से न्यायालय में डाली गई जमानत की अर्जी पर बुधवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने एससीएसटी एक्ट न्यायालय में सुनवाई की। इसमें बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता ने तर्क दिया कि षड्यंत्र के तहत रजोल को मुकदमे में फंसाया गया है। उसका युवती से कोई वास्ता नहीं था। इस पर अभियोजन की ओर से जिला सहायक शासकीय अधिवक्ता फौजदारी जगन्नाथ प्रसाद कुशवाहा ने जमानत प्रार्थना पत्र का विरोध किया। उन्होंने कहा कि युवती का अपहरण करने के बाद उससे दुष्कर्म किया गया और बाद में हत्या कर दी गई। घटना को छिपाने के लिए शव को गड्ढे में दफना दिया गया। आरोपित जघन्य अपराध में शामिल रहा। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी और पीड़िता के वकील की दलीलों को सुनने के बाद न्यायालय ने रजोल सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी।