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गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही, एसीएमओ को नोटिस

आयुष्मान योजना लागू होने के एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी बमुश्किल पचीस फीसदी लाभार्थियों के ही गोल्डन कार्ड बनाए गए । इसे घोर लापरवाही करार देते हुए सीडीओ ने एसीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। आयुष्मान योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग शुरुआत से ही च्नौ दिन चले अढ़ाई कोसज् वाली कहावत चरितार्थ करता रहा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 25 Sep 2019 06:28 AM (IST)
गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही, एसीएमओ को नोटिस
गोल्डन कार्ड बनाने में लापरवाही, एसीएमओ को नोटिस

जागरण संवाददाता, उन्नाव : आयुष्मान योजना लागू होने के एक वर्ष पूर्ण होने के बाद भी बमुश्किल 25 फीसद लाभार्थियों को ही गोल्डन कार्ड बनाए गए। इसे घोर लापरवाही करार देते हुए सीडीओ ने एसीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

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आयुष्मान योजना को लेकर स्वास्थ्य विभाग शुरुआत से ही 'नौ दिन चले अढ़ाई कोस' वाली कहावत चरितार्थ करता रहा। इससे योजना शुरू होने के ग्यारह माह में तीन लाख से अधिक लाभार्थियों में से महज दस फीसदी को कार्ड दिए। सितंबर माह के पूर्व प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने 30 सितंबर तक हरहाल में शत प्रतिशत लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया। इस बीच केंद्र सरकार ने आयुष्मान पखवारा चलाने का आदेश निर्गत कर दिया। लगातार आदेश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान गोल्डेन कार्ड बनाने का जो लक्ष्य दिया गया उससे काफी दूर है। जागरण ने आयुष्मान योजना के एक वर्ष पूरे होने पर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों की कलई खोली। मंगलवार के अंक में एक वर्ष में 68 हजार लोग ही हो पाए आयुष्मान शीर्षक से खबर छाप जागरण ने विभाग द्वारा बरती गई लापरवाही और चयनित अस्पतालों के मानकों में की गई अनदेखी का खुलासा किया। सीडीओ प्रेमरंजन सिंह ने इसे गंभीरता से लिया हे। उन्होंने आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. जेआर सिंह को नोटिस जारी की है। जिसमें साफ कहा कि नोडल अधिकारी स्तर से घोर लापरवाही बरती गई है। उन्होंने एसीएमओ नोटिस जारी कर दो दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है। सीडीओ ने कहा कि स्पष्टीकरण मिलने के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।


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