आधार व पहचान पत्र दिखाकर मिलेगी खाद
खाद वितरण व्यवस्था की डिजिटल करने के लिए सभी खाद केंद्रों को पोस मशीन से लैस किया जाएगा तो साथ ही खाद की सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा। खरीफ सीजन से इस तरह की व्यवस्था की कवायद शुरू हो गयी है। असल में कृषि विभाग मैनुअल खाद वितरण को बंद की सोच रहा है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : खाद वितरण व्यवस्था की डिजिटल करने के लिए सभी खाद केंद्रों को पोस मशीन से लैस किया जाएगा तो साथ ही खाद की सब्सिडी का पैसा सीधे किसानों के खाते में पहुंचेगा। खरीफ सीजन से इस तरह की व्यवस्था को लागू करने के लिए अभी से कवायद शुरू हो गयी है। असल में कृषि विभाग मैनुअल खाद वितरण को बंद की सोच रहा है। ऐसे में पहला कदम यह उठाया गया कि इस बार खरीफ सीजन में किसानों को अपना आधार व पहचान पत्र दिखाना होगा तभी उन्हें खाद मिलेगी।
जिले में 650 खाद खरीद केंद्र हैं जहां से किसानों को यूरिया, डीएपी व एनपीके उपलब्ध करायी जाती है। पोस मशीन से 500 खाद केंद्रों को लैस किया गया है। जबकि 150 केंद्रों पर मैनुअल व्यवस्था लागू है। कृषि विभाग ने खाद व्यवस्था को डिजिटल करने के लिए तैयारी तेज कर दी है। इसकी के चलते खरीफ सीजन में किसानों को आधार कार्ड व पहचान पत्र दिखाने पर खाद मिलेगी। वहीं सभी खाद केंद्रों के प्रभारियों के निर्देश दिए गए हैं, वह इस संबंध में केंद्र पर बैनर जरूर लगाएंगे। साथ ही पोस मशीन से खाद खरीद के प्रयास भी तेज कर दिए गए हैं। इसके न केवल खाद की कालाबाजारी पर लगाम लग सकेगी बल्कि सब्सिडी के पैसे को लेकर किसानों को परेशान नहीं होना पड़ेगा।
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पोस मशीन के फायदे
इसमें किसानों का आधार नंबर डालकर खाद वितरण किया जाता है। जिससे किसानों को सही तौल के साथ खाद मिलती है तो वहीं उसके निर्धारित रेट की पर्ची मिलती है, इससे खाद वितरण करने वाले घपला नहीं कर पाते हैं। वहीं किसानों का पैसा सीधे खाते में जाता है। इसके लिए किसानों की आधार फीडिग करायी जाती है। जिले में अभी खाद को लेकर आधार फीडिग नहीं करायी गई है लेकिन खरीफ सीजन से पहले इसे लेकर तैयारियां तेज हो गयी हैं।
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खरीफ सीजन से पहले खाद वितरण व्यवस्था में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी है। व्यवस्था को डिजिटल बनाया जाएगा। इसके चलते पहला कदम यह उटाया गया है कि किसानों को आधार व पहचान पत्र दिखाकर ही अब खाद मिलेगी।
- अतींद्र सिंह, जिला कृषि अधिकारी