बकरियों को मारने वाले अजगर को पीट-पीटकर मारा
थाना बिहार क्षेत्र के सुमेरपुर तिराहे के पास रविवार को लोन नदी के पास अजगर ने दो बकरियों को अपनी चपेट में लेकर मौत के घाट उतार दिया। इस पर ग्रामीणों ने झाड़ियों से अजगर को खोज कर लाठी डंडे से पीट-पीटकर मार डाला।
संवाद सहयोगी, पाटन : थाना बिहार क्षेत्र के सुमेरपुर तिराहे के पास रविवार को लोन नदी के पास अजगर ने दो बकरियों को अपनी चपेट में लेकर मौत के घाट उतार दिया। इस पर ग्रामीणों ने झाड़ियों से अजगर को खोज कर लाठी डंडे से पीट-पीटकर मार डाला।
रविवार को बाबू जय शंकर गयाप्रसाद लॉ कॉलेज के पीछे छाछीराई खेड़ा के लोग बकरी चरा रहे थे। मध्याह्न करीब तीन बजे शिव बालक और विटान की एक-एक बकरी झाड़ी के पास चर रही थी तभी बकरियां चिल्लाने लगी, इस पर बकरी चरा रहे लोगों ने दौड़कर देखा तो एक बकरी तड़प रही थी, वहीं दूसरी बकरी को अजगर दबाए हुए था। लोगों ने जब चिल्लाना शुरू किया तो अजगर बकरी को छोड़कर झाड़ी में घुस गया। दोनों बकरियों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इसके बाद लोगों ने झाड़ी में अजगर को खोजना शुरू किया और थोड़ी देर बाद ही उसे खोज निकाला। करीब सात फुट लंबे अजगर के ऊपर गुस्साए लोगों ने लाठी डंडों से हमला बोल दिया। लाठी-डंडों से पीटकर अजगर की हत्या कर दी गई। अजगर की मौत के बाद लोग वहां से खिसक गए। खास बात यह रही कि वन विभाग को मामले की खबर नहीं लगी। वनरक्षक शंकर शरण दीक्षित ने मामले की जानकारी वन विभाग को दी। इसके बाद वन विभाग हरकत में आया। वन दारोगा दिनेश पांडेय ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। आरोपितों पर कार्रवाई की जाएगी।
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सात से दस साल तक की सजा
- अजगर को संरक्षित जीव की श्रेणी में रखा गया है। छाछाराई खेड़ा में जिस तरह अजगर को ढूंढकर मारा गया, उस पर वन विभाग जांच में जुट गई है। बताते हैं कि अजगर (पाइथन) को मारने पर सात से दस साल की सजा का प्रावधान है।