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जेडी ने कंट्रोल रूम से रखी परीक्षार्थियों पर नजर

लखनऊ के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) ने शुक्रवार को परीक्षा केंद्र जांचे। नकलविहीन व्यवस्था की जांच उन्होंने केंद्रों पर लगे सीसीटीवी के जरिये की। केंद्र व्यवस्थापक कक्ष में बने कंट्रोल रूम से परीक्षार्थियों पर निगाह रखते हुए कक्ष निरीक्षकों की उपस्थिति को जांचा। जेडी ने सुभाष इंटर कॉलेज बांगरमऊ समेत आधा दर्जन से ज्यादा केंद्रों का निरीक्षण किया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 28 Feb 2020 07:07 PM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 06:10 AM (IST)
जेडी ने कंट्रोल रूम से रखी परीक्षार्थियों पर नजर
जेडी ने कंट्रोल रूम से रखी परीक्षार्थियों पर नजर

जागरण संवाददाता, उन्नाव : लखनऊ के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) ने शुक्रवार को परीक्षा केंद्र जांचे। नकल विहीन व्यवस्था की जांच उन्होंने केंद्रों पर लगे सीसीटीवी के जरिए की। केंद्र व्यवस्थापक कक्ष में बने कंट्रोल रूम से परीक्षार्थियों पर निगाह रखते हुए कक्ष निरीक्षकों की उपस्थिति को जांचा। जेडी ने सुभाष इंटर कॉलेज बांगरमऊ समेत आधा दर्जन से ज्यादा केंद्रों का निरीक्षण किया।

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सुबह प्रथम पाली में हाईस्कूल संस्कृत और दोपहर दो से शाम पांच बजे तक इंटर इतिहास विषय का पेपर रहा। संस्कृत के पेपर में पंजीकृत 4331 परीक्षार्थियों में 2210 छात्र व 2124 छात्राएं रहीं। इसमें 217 परीक्षार्थियों ने परीक्षा नहीं दी। परीक्षा देने वाले 4117 परीक्षार्थियों में 2068 छात्र, 2049 छात्राएं थीं। सुबह पाली की परीक्षा में जेडी सुरेंद्र कुमार तिवारी ने सुभाष इंटर कॉलेज बांगरमऊ को औचक जांचा। उन्होंने कक्ष निरीक्षकों के साथ परीक्षार्थी की उपस्थिति को जांचते हुए कंट्रोल रूम के माध्यम से पूर्व परीक्षा में परीक्षार्थियों की गतिविधियों को सीसीटीवी फुटेज में देखा। परीक्षा केंद्रों में जेडी ने डीसीकेएम इंटर कॉलेज गंजमुरादाबाद, बीडीएसआर बांगरमऊ और राम रानी विश्वनाथ और आरआरडीएस इंटर कॉलेज को जांचा। निरीक्षण के दौरान डीआइओएस राकेश कुमार मौजूद रहे।

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तीन केंद्र पर नहीं मिले हस्ताक्षर

- परीक्षा केंद्रों में जांच के दौरान बीडीएसआर, सुभाष इंटर कॉलेज और आरआरडीएस इंटर कॉलेज में प्रश्नपत्रों को लेकर केंद्र व्यवस्थाओं को सुरेंद्र कुमार तिवारी ने चेताया। तीनों केंद्र में प्रश्न पत्र जिस अलमारी में रखे गए थे, उसे खोलने-बंद करने का कोई रिकॉर्ड सुचारू नहीं मिला। जबकि, एक दिन प्रमुख सचिव के आदेश बाद समस्त केंद्र व्यवस्थापकों को निर्देशित किया गया कि स्टेटिक मजिस्ट्रेट, वाह्य और केंद्र व्यवस्था के संयुक्त हस्ताक्षर जरूरी हैं। लॉक बुक रिकॉर्ड न मिलने पर केंद्र व्यवस्थापकों पर नाराजगी जताई।


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