कानपुर से श्रमिक स्पेशल को पहुंचने में लगे तीन घंटे
प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एक से दूसरे प्रांतों में श्रमिक स्पेशल ट्रेनें दौड़ रही हैं। ट्रेन चलने से प्रवासियों के चेहरे पर आई मुस्कान सफर में होने वाली फजीहत ने छीन ली है। इसके पीछे की वजह ट्रेनों की लेटलतीफी है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए एक से दूसरे प्रदेशों से आ रही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की लेटलतीफी उनकी मुश्किलों को और बढ़ा रही हैं। प्रवासी भूख प्यास से तड़प रहे हैं, लेकिन ट्रेनों को वक्त का पाबंद करने की कोशिश होती नहीं दिखती। बुधवार को मुंबई से आने वाली तीन ट्रेनों में दो ट्रेन नौ घंटे से ज्यादा देरी से पहुंची। वहीं रात साढ़े आठ बजे पहुंचने वाली ट्रेन रद हो गई। गुरुवार को पंजाब से उन्नाव पहुंची ट्रेन को कानपुर से आने में तीन घंटे लग गए। डायवर्ट ट्रेनों के साथ गुड्स और पार्सल स्पेशल कार्गो एक्सप्रेस को पास कराने में ट्रेन कानपुर में रोक दी गई थी। जिस वजह से सुबह 8:30 के स्थान पर ट्रेन करीब 11:30 बजे पहुंच सकी।
गुरुवार को पूर्वाह्न 11:30 बजे 1,730 प्रवासियों के लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन लुधियाना (पंजाब) से उन्नाव स्टेशन पहुंची थी। कोच में पानी न होने से प्रवासी प्लेटफार्म पर ट्रेन रुकते ही चिल्लाने लगे। कुछ प्रवासी कोच से नीचे भी आ गए जिन्हें सुरक्षा जवानों ने अंदर बैठने को कहा। गर्मी व भूख प्यास से परेशान प्रवासियों ने उनकी एक न सुनी। प्लेटफार्म पर पानी पीने और खाली बोतलें भरने के बाद वह कोच के पास खड़े हो गए। प्रवासियों का कहना था कि रास्ते भर ट्रेन जगह-जगह रोकी गई, लेकिन कोच में पानी की व्यवस्था नहीं की गई। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर पानी पीने को मिला। लेकिन, यहां ट्रेन ढाई घंटा के करीब खड़ी रही। पीछे की चार ट्रेनों के निकलने के बाद ट्रेन चलाई गई। स्टेशन स्टाफ के अनुसार सुबह साढ़े आठ बजे ट्रेन के पहुंचने का मैसेज कंट्रोल से मिला था, लेकिन ट्रेन पूर्वाह्न 11 बजे के बाद कानपुर से चली। कानपुर में ट्रेन सुबह सवा आठ बजे के करीब पहुंची थी। ट्रेन के उन्नाव पहुंचने में करीब 15 मिनट लगते, लेकिन 20 किमी की दूरी तय करने में ट्रेन को तीन घंटे लग गए।
944 प्रवासी जनपद के
ट्रेन से आए 1,730 प्रवासियों में 944 प्रवासी उन्नाव की अलग-अलग तहसील क्षेत्रों के थे। बांगरमऊ के 142, सफीपुर के 188, हसनगंज के 85, पुरवा के 52, नवाबगंज के 52, औरास के 51, सिकंदरपुर सरोसी के 46, हिलौली के 26 समेत आदि ब्लॉकों के प्रवासी रहे। दूसरे जनपदों के प्रवासियों में कानपुर, रायबरेली, हरदोई, लखनऊ, बाराबंकी आदि के प्रवासी इस ट्रेन से उतरे। थर्मल स्क्रीनिग के बाद सभी को रोडवेज की बसों से रवाना किया गया। जिले के प्रवासी शेल्टर होम भेजे गए।