खनन की झूठी रिपोर्ट दी तो एसडीएम का खराब होगा सर्विस रिकॉर्ड
जागरण संवाददाता उन्नाव तमाम प्रयासों के बाद बड़े पैमाने पर मिले अवैध खनन के सुबूत के बाद भी
जागरण संवाददाता, उन्नाव: तमाम प्रयासों के बाद बड़े पैमाने पर मिले अवैध खनन के सुबूत के बाद भी जिम्मेदार नहीं चेते हैं। इसका संज्ञान डीएम ने गंभीरता से लिया है। डीएम ने अब एसडीएम से रोज अवैध खनन को लेकर लिए जा रहे प्रमाण पत्र के बाद कार्रवाई का मन बनाया है। डीएम एसडीएम से मिली रिपोर्ट की औचक जांच करवाएंगे। इस दौरान यदि प्रमाण पत्र और मौका हकीकत में जरा सा भी भेद पाया जाएगा तो संबंधित एसडीएम को एडवर्स इंट्री मतलब की उनकी सर्विस बुक में गलत जानकारी दिये जाने की इंट्री दर्ज की जाएगी।
जिले में खान विभाग की लचर कार्यशैली के बाद डीएम रवींद्र कुमार ने संबंधित तहसीलों के एसडीएम पर भरोसा किया था। डीएम ने एसडीएम को क्षेत्र में अवैध खनन हुआ अथवा नहीं। इस बात का प्रमाण पत्र एसडीएम से रोज लेना शुरू किया था। हालांकि इसके बाद भी परियर में 50 हजार घन फीट बालू का अवैध खनन व भंडारण एसडीएम की लापरवाही का नमूना बन गया। यह हाल तब रहा जबकि बीच-बीच में डीएम की नजर में सक्रिय दिखाने के लिए तहसील प्रशासन न सिर्फ औचक निरीक्षण कर रहा था, बल्कि एकाध ओवरलोड गाड़ियां भी पकड़ रहा था। हालांकि इस गुडवर्क के बीच रिपोर्ट में अवैध कारनामें का जिक्र ही नहीं किया जा रहा था। यही कारण रहा कि बाद में खान विभाग को अपनी बचाने के लिए संबंधित खनन माफियाओं पर लगभग तीन करोड़ का जुर्माना लगाना पड़ा। इसको भरने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है।
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- बहुत जल्द ही एसडीएम की ओर से दिए जा रहे प्रमाण पत्र की हकीकत परखी जाएगी। यदि जरा सा भी भेद पाया जाएगा तो एसडीएम को एडवर्स इंट्री दी जाएगी।
- रवींद्र कुमार, डीएम