सड़क किनारे फिर फेंकी गई सरकारी दवाएं
संवाद सहयोगी, हसनगंज : एक सप्ताह के अंदर हसनगंज क्षेत्र में दूसरी बार शनिवार को नई सरांय
संवाद सहयोगी, हसनगंज : एक सप्ताह के अंदर हसनगंज क्षेत्र में दूसरी बार शनिवार को नई सरांय के पास भारी मात्रा में सरकारी दवाएं झांड़ी में मिली। इतनी भारी मात्रा में सरकारी दवाएं कहां से लाकर डाली जा रहीं हैं स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं है। कई घंटे बाद हसनगंज के चिकित्साधिकारी ने मौके पर पहुंचे और दवाओं को कब्जे में लेकर सीएमओ को रिपेार्ट भेजी है।
हसनगंज क्षेत्र में मोहान-अजगैन मार्ग पर नई सरांय गांव के पास शनिवार को प्रात: गांव के लोगों ने सड़क किनारे झांड़ियों में भारी मात्रा में सरकारी अस्पतालों की दवाएं पड़ी देख हसनगंज सीएचसी अधीक्षक को सूचना दी। लगभग तीन घंटे बाद सीएचसी अधीक्षक डॉ. नितिन ने मौके पर पहुंच दवाओं को कब्जे में लिया। उनका कहना है कि सभी दवाएं एक्सपायर हो चुकी हैं। उन्हें गत्ते में लाकर फेंका गया है। जो दवाएं पड़ी मिली हैं उनमें गैस्ट्रिक सीरप रेलसर जेल, डीएस सीरप, एंटीबायोटिक एंपीसिलिन, मेजो डीएस, बेजोइन एसिड कंपाउंड, दस्त की दवा नारफ्लाक्सासिन, पैरासीटामाल के अलावा स्किन रोग आदि की दवाएं शामिल हैं।
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फर्जी ओपीडी का खेल तो नहीं
- एक तरफ सरकारी अस्पताल में मरीज दवा के लिए भटक रहे हैं तो दूसरी तरफ मरीजों को दवा न दे उनके प्रयोग की तिथि समाप्त होने के आम चर्चा पर सरकार ने चिकित्सकों पर शिकंजा कसा। इसी को देखते हुए उनसे ओपीडी की रिपेार्ट ली जा रही है। जिससे वह फर्जी मरीज संख्या दर्शा दवा खारिज कर देते हैं लेकिन, दवा लेने वाला कोई नहीं होता इससे वह उसे इधर उधर फेंक देते हैं।
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एक सप्ताह पहले भी मिली थी दवा
- बीते 31 अगस्त को भी भारी मात्रा में सरकारी अस्पताल की दवा हसनगंज थाना क्षेत्र में तीन स्थानों पर पड़ी मिली थीं। दवाओं के बीच उरई मेडिकल कालेज के कुछ ओपीडी पर्चा मिलने से स्वास्थ्य प्रशासन ने वहां रिपोर्ट भेज पल्ला झाड़ लिया था।
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जांच कराने से कतरा रहा प्रशासन
- शनिवार को मिली दवाओं को लेकर चर्चा की वह आसपास के क्षेत्र की हो सकती हैं लेकिन, हसनगंज सीएचसी अधीक्षक डा. नितिन ने इन दवाओं को भी पूर्व में मिली दवाओं का हिस्सा होना बताया। अगर गंभीरता से जांच कराई तो बैच नंबर से इसका पता चल सकता है कि दवा किस जनपद को आवंटित हुई थी। गत्ते भीगे न होने के सवाल पर एमओआइसी हसनगंज कोई जवाब न दे सके।
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- दवाएं एक्सपायरी डेट की हैं। उनके बैच नंबर लिखकर दवा कंपनियों से जानकारी कराऊंगा कि वह किस जनपद में आपूर्ति की गई थीं।
- डॉ. लालता प्रसाद, सीएमओ