संक्रामक रोग हावी, बुखार से बालिका की मौत
संक्रामक रोगों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में डायरिया और बुखार के मरीजों की भरमार है। ओपीडी से पैथालॉजी तक मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। अधिकांश मरीज वारल फीवर और मौसम से होने वाली बीमारियों से ग्रसित आ रहे हैं। जिला अस्पताल मे दिमागी बुखार से बेहोश सात वर्षीय बालिका को सोमवार देर रात जिलाअस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : संक्रामक रोगों का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। जिला अस्पताल में डायरिया और बुखार के मरीजों की भरमार है। ओपीडी से पैथालॉजी तक मरीजों की लंबी लाइन लग रही है। अधिकतर मरीज वायरल फीवर और मौसम से होने वाली बीमारियों से पीड़ित हैं। जिला अस्पताल मे दिमागी बुखार से बेहोश सात वर्षीय बालिका को सोमवार देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां कुछ देर बाद उसकी मौत हो गई।
मामूली बूंदाबांदी से लगातार बढ़ रही उमस संक्रामक रोगों को बढ़ाने का काम कर रही है। घर-घर वायरल फीवर और डायरिया के मरीज हो रहे हैं। सरकारी गैर सरकारी अस्पतालों में संक्रामक बीमारियों से पीड़ित मरीजों की लंबी लाइन देखने को मिल रही है। मंगलवार को जिला अस्पताल में दोपहर 12 बजे तक पर्चा व दवा काउंटर पर महिला और पुरुष की लंबी लाइन लगी रही। यही हाल पैथोलॉजी का भी रहा। ओपीडी में फिजीशियन कक्षों में मरीजों को डॉक्टर को दिखाने के लिए मरीजों में धक्का मुक्की होती रही। मंगलवार को जिला अस्पताल में वायरल फीवर के 19 और डायरिया के 11 मरीज भर्ती किए गए। इमरजेंसी में मात्र 30 बेड हैं। इससे बेड कम पड़ गए। एक बेड पर दो-दो मरीज लिटा डॉक्टरों ने इलाज किया। बेड को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों और तीमारदारों में तकरार होती रही। डॉक्टर मरीजों की संख्या बता अपनी बचाव करते रहे। जिला अस्पताल में भर्ती वायरल फीवर के मरीजों में काशीराम कालोनी निवासी निसार की 7 वर्षीय बेटी सोफिया को सोमवार देर रात जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। बुखार के चलते उसकी हालत बेहोशी जैसी थी। डॉक्टरों के प्रयास के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका। बमुश्किल आधा घंटे बाद उसकी मौत हो गई। डॉक्टर का अनुमान था कि उसे मेनजाइटिस बुखार था, परिजन अस्पताल बहुत देर से लाए। उधर मृतका के पिता ने बताया कि वह शहरी स्वास्थ्य केंद्र से बुखार की दवा कर रहा था।