उन्नाव में पीडि़ता के पिता की मौत के बाद चेती सरकार, एसओ समेत पांच सस्पेंड
उन्नाव में मुख्य आरोपी रहे विधायक के भाई अतुल सिंह का नाम तहरीर से हटाने पर एसपी ने एसओ माखी अशोक सिंह भदौरिया, हल्का इंचार्ज दारोगा के साथ बीट के तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया।
उन्नाव (जेएनएन)। भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली किशोरी माखी की दुष्कर्म पीडि़ता के पिता की मौत के बाद शासन हरकत में आ गया। एसपी पुष्पांजलि ने यहां एफआईआर के लिए पीडि़त पक्ष की तरफ से दी गई तहरीर को बदलने और दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज न करने के मामले में एसओ माखी, हल्का इंचार्ज और बीट के तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। वहीं मारपीट में आरोपी रहे विधायक के भाई के नामजद चार गुर्गों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस सूचना के बाद विधायक के घर पर सन्नाटा छा गया, और आरोपी विधायक का भाई भी फरार है।
उन्नाव में माखी मामले में दुष्कर्म पीडि़ता किशोरी के मामले में तहरीर बदल कर मुख्य आरोपी रहे विधायक के भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह का नाम तहरीर से हटा देने पर एसपी ने एसओ माखी अशोक सिंह भदौरिया, हल्का इंचार्ज दारोगा के साथ बीट के तीन सिपाहियों को निलंबित कर दिया।
दुष्कर्म पीडि़ता किशोरी के परिवार के मुताबिक तीन अप्रैल शाम विधायक के भाई अतुल सिंह ने पिता सुरेंद्र सिंह को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था। आरोप यह भी हैं कि किशोरी के पिता को पुलिस के सामने पीटा गया और पुलिस तमाशबीन बनी देखती रही। इसी के बाद पीडि़ता की मां ने माखी पुलिस को विधायक के भाई अतुल सिंह उर्फ जयदीप सिंह समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी थी, लेकिन माखी थानाध्यक्ष ने तहरीर से विधायक के भाई का नाम हटाकर अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था।
इसके बाद से ही उसका परिवार लगातार मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहा था लेकिन पुलिस ने उनकी एक नहीं सुनी। तब कल पीडि़ता का परिवार मुख्यमंत्री आवास पर अपनी फरियाद लेकर पहुंचा और आत्मदाह का प्रयास किया। कल रात विधायक के भाई की पिटाई से घायल पीडि़ता के पिता की जेल के बाद जिला अस्पताल में उपचार के दौरान मौत होने के बाद शासन गंभीर हुआ।
इसके बाद तो उन्नाव पुलिस भी फार्म में आ गई। इस मामले में नामजद चारों आरोपी अतुल सिंह के गुर्गों में सोनू, विनीत, शैलू और बउवा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जबकि विधायक का भाई फरार हो गया।
विधायक के घर पर सन्नाटा पसरा हुआ था। वहीं गांव में पीएसी का पहरा लगने के साथ विधायक और दुष्कर्म पीडि़ता के घर के बाहर पुलिस का तगड़ा पहरा लगाया गया है।
एडीजी के साथ पहुंची क्राइम ब्रांच टीम
माखी दुष्कर्म पीडि़ता किशोरी के पिता की मौत के बाद पूरे प्रदेश में हलचल मच गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ डीजीपी व प्रमुख सचिव गृह नजर रखे हुए हैं। एडीजी राजीव कृष्ण क्राइम ब्रांच टीम के साथ भी उन्नाव पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। जहां उन्होंने डीएम एसपी से पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद टीम के स्पेशन कास्ट के लिए रवाना कर दिया गया।
माखी कांड की धमक बढऩे के बाद सोमवार दोपहर करीब दो बजे एडीज राजीव कृष्णा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। उनके साथ इंस्पेक्टर उदयप्रताप सिंह और अवधेश पांडेय की अगुवाई में छह सदस्यीय क्राइम ब्रांच टीम पहुंची। एडीजी राजीव कृष्णा ने डीएम रविकुमार एनजी और एसपी पुष्पांजलि से घटना के बाबत जानकारी हासिल की, इसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच टीम को विशेष टास्क पर रवाना कर दिया।
दूसरी तरफ प्रमुख सचिव ग्रह के निर्देश पर ही एलआईयू टीम को माखी थाने भेजा गया। टीम ने थाने को कब्जे में लेकर अभिलेखों की छानबीन के साथ ही वहां मौजूद स्टाफ व ग्रामीणों आदि से पूछताछ शुरू की है। पुलिस को किशोरी की मां का 156-3 का वह आवेदन मिला है, जिसे किशोरी की मां आशा सिंह ने कोर्ट में दुष्कर्म की रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए दिया था।