परिवार संभाला, भाइयों का रखा ख्याल
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहीद आजाद पांच भाइयों में बड़ा था। एक भाई फौज तो दूसरा अध्यापक ह
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शहीद आजाद पांच भाइयों में बड़ा था। एक भाई फौज तो दूसरा अध्यापक है। भाइयों को उनके मुकाम तक पहुंचाने के लिए उसने जी-तोड़ मेहनत की। दो को नौकरी मिलने के बाद वह शेष तीन भाइयों को भी व्यवस्थित करने की कोशिश में लगा था। उसका शुरुआत से यही सपना था कि उसका परिवार कभी बिखरे नहीं। घर में सभी से कहता था कि वह जब रिटायर हो तो पूरा परिवार उसके साथ हो। हालांकि इससे पहले ही वह इस सपने को मन में लेकर दुनिया से विदा हो गया।
पांच भाई सुजीत, रंजीत, मंजीत व संजीत में शहीद अजीत सबसे बड़ा था। छोटा भाई मंजीत आर्मी में भोपाल में पोस्ट है। भाई की शहादत की खबर पर वह भी घर को निकल पड़ा। शहीद के पिता प्यारेलाल ने बताया कि बड़ा होने की वजह से बेटा अजीत घर की जिम्मेदारियों को समझता था। वह भाइयों को हमेशा समझाता था कि कभी एक दूसरे से अलग मत होना। अपने परिवार के साथ भाइयों की हर जरूरत को पूरा करता था। पत्नी मीना भी अपने देवरों को बेटों की तरह मानती थी। भाई रंजीत ने बताया कि वह परिवार के साथ भाइयों को भी साथ लेकर चलते थे। वह भाइयों के लिए वह सब करते थे जो एक पिता करता हो। शहादत के बाद छोटा भाई रंजीत इन बातों को सामने रख फफक कर रो पड़ा।