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आवश्यकता से अधिक डीएपी, समितियों में फिर भी टोटा

जागरण टीम उन्नाव रवी फसल को लेकर किसान तैयारी में जुट गए हैं। इस बीच सरसो अगेती आल

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:46 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:46 PM (IST)
आवश्यकता से अधिक डीएपी, समितियों में फिर भी टोटा
आवश्यकता से अधिक डीएपी, समितियों में फिर भी टोटा

जागरण टीम, उन्नाव : रवी फसल को लेकर किसान तैयारी में जुट गए हैं। इस बीच सरसो, अगेती आलू की बोआई चल रही है, जिसके लिए डीएपी की आवश्यकता बढ़ गई है। ऐसे में अधिकांश साधन सहकारी समितियों में खाद का टोटा है। समस्या का सामना कर चुके किसान खाद के लिए यहां वहां भटकने को मजबूर है। उधर कृषि विभाग का दावा है कि रवी फसल के लिए 32 हजार 500 मीट्रिक टन डीएपी की आवश्यकता होगी। इसमें भी अक्टूबर माह 7 हजार 893 मीट्रिक टन ही चाहिए। जबकि उनके पास 14 हजार 55 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध है। इसके अलावा सहकारी समितियों में 4300 मीट्रिक टन की उपलब्धता है। दावे और उपलब्धता के बीच फिलहाल किसान को समस्या से जूझना पड़ रहा है।

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बीघापुर तहसील की 60 फीसद साधन सहकारी समितियों में डीएपी उपलब्ध हैं। सुमेरपुर ब्लाक की पाटन, सहिला, पोरई, कोटवर, महेश खेडा, मनिकापुर आदि में उपलब्ध है। सुमेरपुर, रावतपुर में खाद नहीं है लेकिन चेक जमा होने के कारण जल्द आने की संभावना है। अचलगंज क्षेत्र की साधन सहकारी समिति मनोहरपुर, गडारी, लोहचा, पीसीएफ सिकंदरपुर कर्ण और निजी क्षेत्र के वितरकों के पास डीएपी उपलब्ध है। बांगरमऊ तहसील की साधन सहकारी समिति अतरधनी, पिड़ना, जगतनगर और क्रय विक्रय समिति,सहकारी संघ में डीएपी खाद उपलब्ध है। फतेहपुर चौरासी, उद्साह, बबुरिहा, फर्दापुर आदि जगह डीएपी का वितरण हो रहा है, राजेपुर में सोमवार शाम तक डीएपी आने की संभावना है। जाजामऊ में पहली चेक के आधार पर डीएपी का वितरण पूर्ण हो चुका है दूसरी चेक लगा दी गई है। एडीओ सहकारिता रणवीर सिंह ने बताया कि जिन समितियों में खाद की उपलब्धता नहीं है वहां खाद एक से दो दिन में पहुंच जाएगी, अन्य समितियों में खाद का वितरण जारी है।

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खाद न मिलने से पिछड़ रही बुआई

- बीघापुर ब्लाक की अधिकांश समितियों में खाद नहीं हैं। पुरवा क्षेत्र की सहकारी समितियों में डीएपी नहीं है। बांगरमऊ साधन सहकारी समिति साईंपुर सगौड़ा, नेवल, शादीपुर में बीते दो दिनों से खाद उपलब्ध नहीं है। जबकि गौरा में सचिव ना होने से खाद नहीं है। गंजमुरादाबाद ब्लाक के गांव ब्योली इस्लामाबा और अटवाबैक में भी खाद नहीं है। फतेहपुर चौरासी क्षेत्र की सैता और भडसर नौशहरा समिति में अभी तक डीएपी नहीं पहुंची है। इससे किसानों को बाजारों में 1350 से 1400 रुपये प्रति बोरी खाद खरीदनी पड़ रही है। जबकि इस समय आलू, सरसो, सब्जियों की फसलों का समय होने के कारण डीएपी अति आवश्यक है।

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जिले में डीएपी खाद की आवश्यकता और उपलब्धता

रबी फसल के लिए आवश्यकता - 32500 मीट्रिक टन

अक्टूबर माह में आवश्यकता-7893 मीट्रिक टन

वर्तमान में उपलब्धता -14055 मीट्रिक टन

साधन सहकारी समितियों में उपलब्ध - 4300 मीट्रिक टन

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दो दिनों में आने की संभावना

- जिला कृषि अधिकारी कुलदीप कुमार मिश्र ने बताया कि जिले में खाद की कोई कमी नहीं है। हमारे पास पर्याप्त मात्र में खाद उपलब्ध है। 3360 मीट्रिक टन इफको की रैक आ चुकी है। अगले एक दो दिनों में एक रैक 8500 मीट्रिक टन की कानपुर में इंडो गल्फ की आने वाली है। कहीं पर भी यदि कोई अधिक कीमत लेता है तो उसकी सूचना किसान संबंधित क्षेत्र के अधिकारी को दें। वितरकों पर कार्रवाई की जायेगी।


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