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बिजली विभाग का बना थाना, सब कुछ ऑनलाइन

बिजली चोरों की धरपकड़ के दौरान अब बिजली विभाग को एसपी या प्रशासन से पुलिस फोर्स की मदद के लिए कागजी कार्रवाई नहीं होगी। शासन के निर्देश पर बिजली विभाग का अपना थाना पुराने तहसील परिसर में खोल दिया गया है। इस थाने में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के साथ 16 पुलिस कर्मी होंगे। थाने से ही बिजली चोरों को

By JagranEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 06:57 PM (IST)Updated: Sat, 31 Aug 2019 06:32 AM (IST)
बिजली विभाग का बना थाना, सब कुछ ऑनलाइन
बिजली विभाग का बना थाना, सब कुछ ऑनलाइन

जागरण संवाददाता, उन्नाव : बिजली चोरों की धरपकड़ के दौरान अब बिजली विभाग को एसपी या प्रशासन से पुलिस फोर्स की मदद के लिए कागजी कार्रवाई नहीं होगी। शासन के निर्देश पर बिजली विभाग का थाना पुराने तहसील परिसर में खोल दिया गया। थाने में इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी के साथ 16 पुलिस कर्मी होंगे। थाने से ही बिजली चोरों को जेल भेजने की व्यवस्था होगी। बिजली विभाग के थाने में ही जिले के सभी क्षेत्र के मुकदमे दर्ज होंगे। खास बात यह है कि पूरी व्यवस्था ऑनलाइन होगी। वहीं बिजली उपकेंद्र या फीडर पर यदि हंगामा होता है तो पुलिस कार्रवाई करेगी।

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मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के तहत हरदोई, लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव में बिजली विभाग के थाने की स्थापना कर दी गई है। शहर में बिजली विभाग का थाना पुराने तहसील परिसर में बनाया गया है। थाना बनने से बिजली विभाग को बिजली चोरी और कनेक्शन विच्छेदन के अभियान में दिक्कत नहीं सहनी पड़नी होगी। असल में अभी तक अभियान चलाने के लिए बिजली विभाग को एसपी से फोर्स मुहैय्या कराने के लिए कहना पड़ता था। इसमें दिक्कत यह रहती थी कि फोर्स की कमी के कारण बिजली विभाग को समय पर पुलिस बल नहीं मिल पाता था जिससे विभाग को कर्मचारियों व अधिकारियों के सहारे अभियान चलाना पड़ता है। वहीं हंगामा या बवाल होने पर अधिकारियों व कर्मचारियों को भागना पड़ता था। थाना बनने से बिजली विभाग को अब इस तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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16 पुलिस कर्मियों का मिला स्टाफ

बिजली विभाग के थाने में एक इंस्पेक्टर रैंक अधिकारी के साथ 16 पुलिस कर्मियों का फोर्स तैनात किया गया है। इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार ने पदभार भी संभाल लिया है। वहीं अधिकतम 26 पुलिस कर्मियों की थाने में तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही वाहन और अन्य व्यवस्था भी होगी। थाने की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। मुकदमा दर्ज होने के बाद सीधे उसे कोर्ट में सबमिट किया जाएगा। कोर्ट में बिजली विभाग का थाना अपनी आख्या रखेगा।

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प्रशासन उपलब्ध कराएगा जमीन

अभी बिजली विभाग का थाना पुराने तहसील परिसर में खोल गया है। यह भवन जर्जर होने से विभाग के द्वारा उसकी मरम्मत कराई गई है। हालांकि छह माह के भीतर बिजली विभाग का थाना उसकी अपनी जमीन पर होगा। डीएम ने इसके लिए विभाग को जमीन चिहित कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

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बिजली विभाग का थाना खुल गया है। इससे विभाग को अब बिजली चोरी के अभियान में सहायता मिलेगी वहीं जिन केस को दर्ज करने और विवेचना में समय लगता था वह अब नहीं लगेगा। इंस्पेक्टर खुद मामलों की विवेचना कर फाइनल रिपोर्ट कोर्ट में सब्मिट करेंगे।

- एके सिंह, अधीक्षण अभियंता


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