डायरिया और बुखार ने ली चार की जान
संक्रामक रोगों का कहर तेजी से बढ़ा है। अस्पताल मरीजों से फुल है साथ ही मौतों का सिलसिला भी शुरु हो गया है। जिला अस्पताल में भर्ती बुखार और डायरिया पीड़ित तीन मरीजों की मौत हो गई। जबकि एक अन्य बुखार पीड़ित का इलाज झोलाछाप कर रहा था। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लखनऊ मेउकिल कालेज ले जा रहे थे रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। उधर ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों की भरमार है। मौसम से होने वाली बीमारियों से इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक बेड फुल हैं। मरीजों की भीड़ से अस्पताल की व्यवस्था भी चरमरा गई है। एक बेड पर दो मरीज लिटाने को लेकर अक्सर तीमारदारों और स्वास्थ्य कर्मियों में तकरार होती रहती है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : संक्रामक रोगों का कहर तेजी से बढ़ा है। अस्पताल मरीजों से फुल है साथ ही मौतों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। जिला अस्पताल में भर्ती बुखार और डायरिया पीड़ित तीन मरीजों की मौत हो गई। जबकि एक अन्य बुखार पीड़ित का इलाज झोलाछाप कर रहा था। हालत बिगड़ने पर परिजन उसे लखनऊ मेडिकल कॉलेज ले जा रहे थे, कि रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। उधर ओपीडी से लेकर इमरजेंसी तक मरीजों की भरमार है। मौसम से होने वाली बीमारियों से इमरजेंसी से लेकर वार्ड तक बेड फुल हैं। मरीजों की भीड़ से अस्पताल की व्यवस्था भी चरमरा गई है। एक बेड पर दो मरीज लिटाने को लेकर अक्सर तीमारदारों और स्वास्थ्य कर्मियों में तकरार होती रहती है।
मौसम की तल्खी संक्रामक रोगों को बढ़ाने का काम कर रही है। डायरिया वायरल फीवर, मेनजाइटिस (दिमागी बुखार) के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। सरकारी हो या गैर सरकारी अस्पताल सभी मौसम के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित मरीजों से फुल हैं। जिला अस्पताल में तो इमरजेंसी से वार्ड तक संक्रामक रोगों से पीड़ित मरीजों से फुल है। इमरजेंसी में प्रतिदिन औसतन डायरिया और बुखार के 25-30 मरीज भर्ती हो रहे हैं। जबकि सोमवार से लगातार अस्पताल आने वाले मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। बुधवार दोपहर बाद से लेकर गुरुवार पूर्वाह्न 11:30 बजे तक लगभग 29 मरीज भर्ती किए गए। थाना हसनगंज के गांव मुस्तफाबाद निवासी बृजकुमार कुमार को कई दिनों से बुखार आ रहा था। गुरुवार हालत बिगड़ी वह अचेत हो परिवार के लोग सुबह जिला अस्पताल लाए, जहां उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों का अनुमान मेनजाइटिस से मौत होने का है। इसी तरह सफीपुर क्षेत्र के धर्मनगर निवासी कमल किशोर 22 को अचानक पेट दर्द और उल्टी आने लगी। परिजनों ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टर ने डायरिया के तहत इलाज शुरु किया कुछ घंटे बाद उसकी मौत हो गई। पोनी रोड शुक्लागंज निवासी प्रेमशंकर 40 को डायरिया हो गया उन्हें भी सुबह अस्पताल में भर्ती कराया गया कुछ देर बाद मौत हो गई। फिजीशियन डॉ. आलोक पांडेय ने बताया कि तीनों ही मरीजों को बहुत गंभीर हालत में लाया गया था। औरास क्षेत्र के गांव मिर्जापुर अजिगांव निवासी किशोरी राठौर के 19 वर्षीय बेटे छोटू को एक सप्ताह से बुखार आ रहा था। परिजन गांव के ही झोला छाप से इलाज कराते रहे। बुधवार शाम हालत बिगड़ने परऔरास के नर्सिंग होम में भर्ती कराया यहां भी डॉक्टर के स्थान पर स्टाफ ही इलाज करता रहा। गुरुवार सुबह वह मरणासन्न हो गया। तब अस्पताल ने हाड़ खड़ा कर दिया। परिजन उसे परिजन उसे लखनऊ मेडिकल कालेज ले जा रहे थे रास्ते में उसकी मौत हो गई।
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दवा के लिए बीमार हो रहे तीमारदार
- पर्चा और दवा काउंटरों पर भारी भीड़ हो रही है, लंबी लाइन लग रही है। उमस और गर्मी से मरीज तो बेहाल रहते ही हैं। लाइन में लगे तीमारदार भी बीमार हो रहे हैं। गुरुवार को जन औषधि केंद्र दवा काउंटर पर लाइन में लगी सुनीता निवासी गांधीनगर बेहोश होकर गिर गई। आसपास के लोग उसे इमरजेंसी ले गए जहां आधा घंटे बाद उसे होश आया। डाक्टर ने कहा गर्मी के कारण गश आ गया था।