डेंगू और स्वाइन फ्लू का वार्ड हुआ तैयार
जागरण संवाददाता उन्नाव एक तरफ कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए
जागरण संवाददाता, उन्नाव : एक तरफ कोरोना की संभावित तीसरी लहर के खतरे से निपटने के लिए प्रशासन बच्चों के इलाज का बंदोबस्त करने में जुटा है। वहीं संचारी रोगों का खतरा देख स्वाइन फ्लू, डेंगू , जापानी इंसेफेलाइटिस के मरीजों के इलाज की तैयारी भी जा रही है।
जिला अस्पताल में छह बेड का वेक्टर जनित रोग वार्ड तैयार किया गया है। जिसमें संक्रमित डेंगू, स्वाइन फ्लू और दिमागी बुखार के मरीजों को रखा जाएगा। इसके लिए दवा और प्रोटेक्शन किट भी तैयार कर ली गई। इसके साि ही सभी ब्लाक स्तरीय चिकित्सालयों में इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर भी बनाए गए हैं। यहां भी चार-चार बेड आरक्षित कराए जा रहे हैं जबकि दो-बेड पहले से ही आरक्षित हैं। सीएमओ डा. आशुतोष कुमार ने कहा कि संक्रामक बीमारियों से निपटने की तैयारी पूरी है।
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इमरजेंसी और वार्ड में हर बेड पर होगी आक्सीजन
- सीएमएस डा. बीबी भट्ट ने बताया कि इमरजेंसी, दोनों वार्ड और आइसोलेशन यूनिट के सभी बेड पर सेंट्रल आक्सीजन पाइप लाइन से मरीजों को आक्सीजन दी जाएगी।
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एंबुलेंस कर्मियों ने एनएचएम में समायोजन की उठाई मांग
जागरण संवाददाता, उन्नाव : एएलएस, 102 व 108 एंबुलेंस सेवा के पायलट और ईएमटी के सामने रोजी रोटी छिनने की नौबत आ गई है। भविष्य संकट में होने से परेशान एंबुलेंस में तैनात कर्मियों ने गुरुवार को डीएम को मांग पत्र देकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में समायोजन कराने की मांग की है। एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि नई सेवा प्रदाता कंपनी पुराने कर्मियों को बाहर का रास्ता दिखा रही है। जबकि, मौजूदा समय में तैनात कर्मियों के स्थान पर नई भर्ती की जा रही है। जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108 व 102 संगठन के प्रदेश अध्यक्ष हनुमान पांडेय ने कहा कि एनएचएम ने एंबुलेंस संचालन के लिए नया टेंडर जिगित्सा हेल्थ लिमिटेड कंपनी को दिया है। उन्होंने कहा कि नई कंपनी की ओर से पुराने कर्मियों को टर्मिनेशन लेटर नहीं जारी किया गया है। हालांकि एएलएस गाड़ियों के लिए पायलट इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन की नियुक्तियां की जा रही हैं। एंबुलेंस कर्मियों ने नई सेवा प्रदाता कंपनी में सभी को समायोजित कराने अथवा एनएचएम कर्मी के रूप में शामिल कर सेवाएं जारी रखने की भी मांग की। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें नई कंपनी में भर्ती नहीं किया जाता है तो राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में उन्हें समायोजित किया जाए।