स्वच्छ भारत मिशन में भर्ती के नाम पर करोड़ों ठगे
लखनऊ से संचालित एक एनजीओ द्वारा प्रदेश के छह जिलों से युवाओं को केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छ भारत मिशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग पदों पर भर्ती करने के नाम पर करोड़ों की ठगी की गई। उनको पहले तो इसकी भनक तक नहीं लगी लेकिन ठगों द्वारा उन्नाव के विकास भवन बुलाए जाने पर जब वह लोग यहां पहुंचे तो मामला खुलकर सामने आ गया।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : लखनऊ से संचालित एक एनजीओ ने उन्नाव समेत प्रदेश के छह जिलों के युवाओं से राष्ट्रीय स्वच्छ भारत मिशन योजना में भर्ती के नाम पर करोड़ों रुपये ठग लिए। उन्नाव के विकास भवन में ट्रेनिंग के लिए सैकड़ों युवा पहुंचे तो सीडीओ ने उनसे धोखाधड़ी होने की जानकारी दी। पुलिस ने विकास भवन से तीन लोगों को हिरासत में लिया है। पीड़ित युवाओं ने कोतवाली में तहरीर दी है। पुलिस को अंदेशा है कि हजारों युवाओं से करोड़ों रुपये ठगे गए हैं।
प्रयागराज के राजेंद्र मोहन मिश्र, चंद्रमा सिंह, श्याम कुमार पांडेय सहित अन्य युवाओं ने बताया कि करीब दो माह पूर्व उनके जिले के ही निवासी और अधिवक्ता राजीव पांडेय ने राष्ट्रीय स्वच्छ भारत मिशन में जिला, ब्लाक और नगर पंचायत स्तर पर समन्वयक पद पर भर्ती होने की जानकारी दी। बताया कि एसकेएसपीसीएमआर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी भर्ती के लिए 1.20 लाख रुपये लेगी। उन लोगों ने कंपनी के स्टेट को-आर्डिनेटर सीतापुर निवासी नीरज तिवारी और उसके एक साथी विवेकानंद तिवारी के खाते में प्रति अभ्यर्थी कुछ पैसा डाला और बाकी का नकद दिया। इसके बाद उन्हें ज्वाइनिग लेटर देते हुए 29 जून को डीएम और सीडीओ द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिग के लिए विकास भवन सभागार उन्नाव बुलाया गया। विकास भवन आए युवाओं की बात सुन सीडीओ ने मामले को भांपते हुए तत्काल सूचना सदर कोतवाली पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर मौजूद तीन युवकों को पकड़ा और थाना ले गई। पुलिस ने बताया कि तीनों शातिर किस्म के हैं, इनसे पूछताछ के बाद भी पूरा मामला खुलेगा।
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7500 की रसीद देकर वसूले गए 1.20 लाख
शिकायतकर्ताओं में सुनील सिंह, रमेश चंद्र, प्रभाकर सिंह, संतोष पांडे, सुनील मौर्य, मोहर लाल, राजकुमार, दिनेश चंद्र मौर्य, आशीष तिवारी ने बताया कि उनके साथ ही सैकड़ों लोगों से 1.20 लाख रुपये लिए गए हैं। उनको 7500 रुपये की रसीद भी दी गई।
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कई जिलों से पहुंचे थे करीब तीन सौ लोग
पीड़ित युवकों ने बताया कि शनिवार को विकास भवन सभागार उन्नाव में प्रयागराज, सीतापुर, रायबरेली, हमीरपुर, कानपुर नगर व देहात समेत कई अन्य जिलों से लोग पहुंचे थे। ठगी की जानकारी पर वे वापस लौट गए।
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कोट
जिले में को-आर्डिनेटर के पद के लिए कहीं भी भर्तियां नहीं हो रही हैं। कोई एनजीओ अगर भर्तियां कर रहा था तो इसकी जांच कराई जाएगी।
प्रेमरंजन सिंह, मुख्य विकास अधिकारी