नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के तेवर सख्त, कुंभ स्नानार्थियों के लिए गंगाजल की फिक्र
कुंभ स्नान को देखते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तेवर और सख्त किए हैं। किसी भी सूरत में गंगा में प्रदूषित पानी गिर नहीं सकेगा।
उन्नाव (जेएनएन)। कुंभ स्नान को देखते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तेवर और सख्त किए हैं। गंगा में किसी प्रकार का प्रदूषित पानी जाने से रोकने के साथ गंगा जल की हर सप्ताह जांच कराने के आदेश उत्तर प्रदेश प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (यूपीपीसीबी) को दिए हैं। साफ किया है कि गंगा किनारे के सभी जिलों में प्रदूषण विभाग द्वारा नदी के पानी की समय-समय पर जांच हो और इसकी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाए। इसको तत्काल प्रभाव से शुरू करते हुए कुंभ के समापन तक किया जाएगा। निर्देश हैं कि लापरवाही बरतने पर संबंधित अधिकारी-कर्मचारी पर कार्रवाई भी की जाए।
लापरवाही करने वालों पर कार्रवाई हो
एनजीटी द्वारा यूपीपीसीबी से कहा गया है कि वह जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों को निर्देश दें कि गंगा के पानी की हर हफ्ते जांच कर आवश्यक कदम उठाए। साथ ही इसकी रिपोर्ट तत्काल भेजी जाए। इसमें लापरवाही करने वाले के खिलाफ विभागीय कार्रवाई हो। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि दिसंबर से शुरू होने वाले कुंभ के पहले ही सभी उद्योगों पर शिकंजा कस लिया जाएगा। गंगा में गिर रहे नालों की टेपिंग करा दी जाएगी। किसी भी सूरत में गंगा में प्रदूषित पानी गिर नहीं सकेगा।
हर हफ्ते हो रही जांच
जिला प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी विमल कुमार ने बताया कि डीएम के निर्देश पर जो टीम बनी थी, वह प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों और ट्रीटमेंट प्लांट की हर हफ्ते जांच कर रही है। गंगा के पानी की जांच के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये जा चुके है। साथ ही प्रदूषित पानी खुले नालों में न बहाया जा सके, इस पर सख्ती की जायेगी।
दो प्रमुख नालों से गंगा में जाता है प्रदूषित पानी
दही चौकी साइट नंबर-1 व 2 की फैक्ट्रियों, सीईटीपी उन्नाव के साथ-साथ कई अन्य इकाइयों का प्रदूषित पानी लोनी ड्रेन से और बंथर, अकरमपुर व मगरवारा औद्योगिक क्षेत्र का पानी सिटी जेल ड्रेन से गंगा नदी में जाता है।