ठंड की दस्तक, रोगियों की नहीं सुध
जागरण संवाददाता उन्नाव मौसम ने करवट बदली है। पिछले तीन दिनों से शाम होते ही ठंडी हवा
जागरण संवाददाता, उन्नाव : मौसम ने करवट बदली है। पिछले तीन दिनों से शाम होते ही ठंडी हवा सर्दी का एहसास कराने लगी हैं। मुख्यमंत्री ने ठंड से बचाव के प्रबंध करने को प्रशासन को अलर्ट किया है, लेकिन अस्पताल प्रशासन अभी चेता नहीं है। अभी भी मरीजों को एक ही कंबल मिल रहा है। जिससे उन्हें रात में निजी कंबलों का सहारा लेना पड़ रहा है। खासकर प्रसूताओं को अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है क्योंकि ठंड बच्चा और मां दोनों के लिए घातक है।
पिछले तीन दिनों से ठंड लगातार बढ़ रही है। डाक्टर का कहना है कि ठंड जच्चा और बच्चा दोनों के लिए घातक है। बच्चे को ठंड से निमोनिया तक हो सकता है। मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिग कर सोमवार को ही रैन बसेरा आदि की व्यवस्था सुदृढ़ करने का आदेश दिया था। वीडियो कांफ्रेंसिग में स्वास्थ्य विभाग के अफसर भी मौजूद थे उसके बाद भी वह नहीं चेते। जिला महिला व पुरुष अस्पताल में भर्ती मरीजों को अभी सामान्य रूप से एक ही कंबल दिया जा रहा है। ठंड से बचाव करने के लिए मरीजों को घरों से कंबल मंगाना पड़ रहा है।
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नवजात की भी नहीं फिक्र
- महिला अस्पताल में भर्ती नीलम समेत कई प्रसूताओं ने बताया कि एक कंबल मिल रहा है, वह गर्म नहीं है इससे बच्चे को ठंड से बचाने के लिए घर से कंबल मंगाना पड़ रहा है।
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रैन बसेरों की व्यवस्था सुधारने की पहल नहीं
- जिला अस्पताल में महिला और पुरुष अस्पताल के मिलाकर तीन रैन बसेरा बने हैं। इनमें दो में कोविड वैक्सीनेशन सेंटर चल रहा है। जो एक शेष है वह भी तीमारदारों के बजाय दूसरे उपयोग में लिया जा रहा है। अस्पताल प्रशासन को इसकी भी सुध नहीं है।
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- अभी इतनी ठंड नहीं हो रही है। फिर भी रैनबसेरा की व्यवस्था जल्द दुरुस्त कराई जाएगी। भर्ती मरीजों में जो चहेगा उसे दो कंबल मिलेंगे। इसके लिए सिस्टर इंचार्ज को निर्देश दे दूंगा।
- डा. पवन कुमार, सीएमएस पुरुष जिला अस्पताल
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- अभी ठंड की शुरुआत हुई है। लेकिन उसके बाद भी अगर किसी को जरूरत होगी तो उसे वार्ड सिस्टर इंचार्ज दो कंबल देंगी इसका निर्देश जारी कर दूंगी।
- डा. अंजू दुबे, सीएमएस महिला जिला अस्पताल