उन्नाव कांडः फिर माखी गांव पहुंची सीबीआइ ने तैयार किया घटनाओं का नक्शा
सीबीआइ माखी कांड के पीडि़त परिवार को लेकर शनिवार शाम फिर मांखी गांव पहुंची और पीड़ितों का विधायक आवास में प्रवेश कराया।
उन्नाव (जेएनएन)। करीब 14 दिन बाद सीबीआइ माखी कांड के पीडि़त परिवार को लेकर शनिवार को फिर से गांव पहुंची। सीबीआइ पीडि़ता को कुछ समय उसके आवास में रखने के बाद विधायक के आवास और उस स्थान पर ले गई जहां उसके पिता की पिटाई की गई। करीब पौने दो घंटे की मशक्कत के बीच परिवार ने जो घटनाक्रम बताया, उसके अनुसार पीडि़ता को अगवा व दुष्कर्म करने के साथ पिता की पिटाई किए जाने की घटना का नक्शा तैयार किया। इस काम में ग्राम पंचायत के सचिव के अलावा गांव के लेखपाल और लोक निर्माण विभाग के दो कर्मचारी भी मौजूद रहे।
विधायक के आवास में पीड़िता का प्रवेश
दोपहर दो बजे सीबीआइ की छह सदस्यीय टीम सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन से पीडि़ता और उसके परिवार के सभी सदस्यों को तीन वाहनों से लेकर माखी गांव के लिए रवाना हो गई। ढाई बजे सीबीआइ माखी थाना गेट पर रुकी और एक ही मिनट बाद सभी गांव के लिए निकल पड़े। इसके बाद सीबीआइ परिवार को लेकर सबसे पहले उसके घर पहुंची। जहां कुछ देर परिवार को एक स्थान पर रोकने के बाद पीडि़ता और उसके चाचा को लेकर सीबीआइ टीम विधायक के आवास में छोटे गेट के रास्ते से पहुंची। इस बीच सीबीआइ ने पीडि़ता से घटना वाले दिन की जानकारी ली और विधायक के घर तक पहुंचने के लिए उसी रास्ते का प्रयोग किया गया जिससे शशि उसको ले गई थी।
पिता को पीटे जाने वाला स्थान देखा
पीडि़ता को विधायक के उस कमरे तक भी ले जाया गया, जिसका उसने मुकदमे में जिक्र किया था। कुछ देर तक विधायक के आवास में रुकने के बाद टीम वापस लौटी और उससे 11 जून, 2017 को अगवा करने की घटना का रास्ता और घटनाक्रम की जानकारी ली। दोनों मामलों को जानने के बाद सीबीआइ ने परिवार के उन सदस्यों को साथ लिया जो तीन अप्रैल को पीडि़ता के पिता की पिटाई वाले दिन मौजूद थे। उनके बताए अनुसार सीबीआइ ने वह स्थान देखा जहां पर पिता को पीटा गया। टीम ने गांव के रास्तों और फिर थाने तक ले जाने तक के बिंदुओं को चिह्नित किया। इसके बाद परिवार को उसके घर पर छोड़ सीबीआइ की एक टीम ने मौके पर मौजूद लेखपाल, पंचायत सचिव और लोनिवि के अधिकारियों के साथ मिलकर एक-एक घटना का नक्शा तैयार कराया।
ग्रामीणों से भी की पूछताछ
सीबीआइ की एक टीम जहां नक्शा तैयार करने में जुटी तो दूसरी टीम ने घटनास्थल के आसपास रहने वाले लोगों से पूछताछ की। एक-एक व्यक्ति को अलग-अलग बुलाकर तीनों घटनाओं से जुड़े बिंदुओं पर सवाल किए। इस बीच पीडि़ता के परिवार को उन लोगों से दूर रखा गया। जानकारों के मुताबिक, पूरे घटनाक्रम में सीबीआइ ने करीब डेढ़ घंटे तक लोगों से पूछताछ की और फिर करीब चार बजे वापस जिला मुख्यालय के लिए निकल पड़ी।