शिक्षक भर्ती वर्ष में तैनात बीएसए से होगी पूछताछ
जागरण संवाददाता उन्नाव फर्जी व टेम्पर्ड (काट-छांट) प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्ष
जागरण संवाददाता, उन्नाव: फर्जी व टेम्पर्ड (काट-छांट) प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों पर शिकंजा कसना शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में जांच कर रही एसआइटी ने पैन बदलने वाले नौ शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। नियुक्तियों के दौरान सत्यापन को लेकर उस वर्ष में तैनात बीएसए से भी पूछताछ की तैयारी है। यही कवायद बीएड, डीएलएड व संपूर्णानंद संस्कृत विवि की डिग्री वाले शिक्षकों को लेकर की होगी।
आगरा व लखनऊ विवि से बीएड डिग्री धारक शिक्षकों में दागी शिक्षक मिलने के बाद एसआइटी ने साल 2010 के बाद की नियुक्तियों की जांच शुरू की है। कारण, 12460 सहायक अध्यापक भर्ती में फर्जीवाड़ा खुल चुका है। यहां पर पात्रों को बाहर कर अपात्रों को नियुक्ति दिलाने के नाम पर कट ऑफ में हेरा-फेरी की गई। मामला खुला तो तत्कालीन बीएसए बीके शर्मा ने नियुक्ति पत्र रोकते हुए एफआइआर दर्ज कराई व एक शिक्षिका की सेवा समाप्त की। एसटीएफ की सिफारिश पर सरकार ने साल 2010 के बाद की नियुक्तियों की जांच शुरू कराई है। नियुक्ति वर्षों को लेकर शिक्षकों की जांच में तैनात रहे बीएसए और पटल बाबूओं से भी पूछताछ होगी। एसटीएफ के इस रुख ने शिक्षाधिकारी से लेकर कर्मचारियों की धड़कनें बढ़ाई हैं।
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साल 2010 से अब तक तैनात बीएसए
- साल 2009-10 केएल वर्मा, 2010-12 राजेश कुमार वर्मा, 2012-15 डा. मुकेश कुमार सिंह, 2015-2016 कौस्तुभ कुमार सिंह, 2016-17 दीवान सिंह यादव, 2017-18 प्रभरी बीएसए नसीन फारूकी (वर्तमान में बीईओ बीघापुर), 2018-19 बीके शर्मा। वर्तमान में बीएसए पद पर प्रदीप कुमार पांडेय तैनात हैं।