बेसिक के शिक्षकों की आइकार्ड से होगी पहचान
परिषदीय स्कूलों में च्डुप्लीकेटज् शिक्षकों का खेल खत्म होगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक ने शिक्षकों की पहचान के लिए आइकार्ड की अनिवार्यता की है। इसकी जिम्मेदारी बीईओ की होगी। मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक शिक्षक का यूजर आइडी होगा। जिसके आधार पर बीईओ शिक्षक को आइकार्ड निर्गत करेंगे। इस नई व्यवस्था ने शिक्षकों में खलबली मचा दी है।
जागरण संवाददाता, उन्नाव : परिषदीय स्कूलों में 'डुप्लीकेट' शिक्षकों का खेल खत्म होगा। अपर मुख्य सचिव बेसिक ने शिक्षकों की पहचान के लिए आईकार्ड की अनिवार्यता की है। इसकी जिम्मेदारी बीईओ की होगी। मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक शिक्षक का यूजर आइडी होगा। जिसके आधार पर बीईओ शिक्षक को आईकार्ड निर्गत करेंगे। इस नई व्यवस्था ने शिक्षकों में खलबली मचा दी है।
प्राथमिक और जूनियर स्कूलों में अक्सर निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को शिक्षक मौजूद नहीं मिलते। जबकि, उनके हस्ताक्षर उपस्थिति रजिस्टर में मिलते हैं। विभागीय जांच से बचने के लिए ज्यादातर शिक्षक अपने स्थान पर किसी और को चार्ज दे जाते हैं। जांच में पता चलता कि बच्चों को पढ़ाने वाला परिषदीय शिक्षक न होकर बाहरी है। इसके बाद मूल शिक्षक पर कार्रवाई की जाती है। इस पर शिकंजा कसने के लिए उप्र बेसिक शिक्षा परिषद ने आईकार्ड का रास्ता तलाश है। बीईओ को निर्देशित किया गया है कि मानव संपदा पोर्टल के तहत शिक्षकों को एक आइडी नंबर दिया गया है। जिसका जिक्र करते हुए शिक्षक को आईकार्ड जारी किए जाएं। अपर मुख्य सचिव के आदेश को अमल में लाने के लिए प्रभारी बीएसए डीआइओएस राकेश कुमार ब्लाकवार बीईओ को पत्र जारी कर दिया है। उन्हें प्रेरणा ऐप के बारे में भी बताया गया है। डीआइओएस का कहना है कि स्कूल समय में शिक्षकों की उपस्थिति तीन बार होगी। प्रधान शिक्षकों के जरिये समस्त शिक्षक स्टाफ को निर्देश जारी किया गया है।