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UP News: 24 साल पहले पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी ने भारत में की घुसपैठ, अब उन्नाव में बनाई करोड़ों की संपत्ति

घुसपैठ के जरिए पश्चिम बंगाल से मौरावां तक पहुंचे बंग्लादेशी ने 24 साल के अंतराल में करोड़ो की संपत्ति बना ली। 24 साल से वह मौरावां में मकान बनाकर रह रहा और यहां की पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी। रायबरेली के खीरो थाना पुलिस ने अपने क्षेत्र में तीन बंग्लादेशियों को उठाया तो पूछताछ में उन्होंने मौरावां में रह रहे इस बंग्लादेशी का नाम भी उगल दिया।

By Mohit Pandey Edited By: Abhishek Pandey Published: Sun, 21 Apr 2024 12:57 PM (IST)Updated: Sun, 21 Apr 2024 12:57 PM (IST)
24 साल पहले पश्चिम बंगाल से बांग्लादेशी ने भारत में की घुसपैठ

संवाद सूत्र, मौरावां। घुसपैठ के जरिए पश्चिम बंगाल से मौरावां तक पहुंचे बंग्लादेशी ने 24 साल के अंतराल में करोड़ो की चल-अचल संपत्ति अर्जित कर ली। 24 साल से वह मौरावां में मकान बनाकर रह रहा और यहां की पुलिस को भनक तक नहीं लग सकी।

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रायबरेली के खीरो थाना पुलिस ने अपने क्षेत्र में तीन बंग्लादेशियों को उठाया तो पूछताछ में उन्होंने उन्नाव के मौरावां में रह रहे इस बंग्लादेशी का नाम भी उगल दिया। रायबरेली पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजे जाने के बाद अब उन्नाव पुलिस व खुफिया विभाग की टीमें टोह लेने में जुट गई हैं।

पश्चिम बंगाल से भारत में की घुसपैठ

रायबरेली पुलिस द्वारा पकड़ा गया बंग्लादेशी प्रकाश हलधर पुत्र मुकुंद हलधर वर्ष 2000 में पश्चिम बंगाल के रास्ते लखनऊ होते हुए उन्नाव के मौरावां पहुंचा। यहां हिलौली में क्लीनिक खोल लिया। कुछ विवाद होने पर उसने मौरावां में क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस शुरू कर दी। काम चल पड़ा तो कमाई भी अच्छी हाेने लगी। इस पर उसने मौरावां के हिलौली मार्ग पर लक्ष्मीपुरम निकट दुर्गा मंदिर के पास जमीन खरीद कर मकान बना लिया और विवाह कर पत्नी के साथ रहने लगा। उसके तीन बेटे हैं।

वर्तमान में वह अपने मकान में ही चांदसी क्लीनिक के नाम से दवा खाना चला रहा था। यहां रहते हुए उसने मकान के साथ-साथ कई बीघा कृषि योग्य भूमि भी खरीदी है।उसने अपने छोटे भाई आकाश को भी बुलाकर मेडिकल प्रैक्टिस करना सिखाया और क्षेत्र के अकोहरी चौराहे पर क्लीनिक खुलवा दिया।

वह करीब दस वर्षों से क्लीनिक चला रहा है। इस दौरान उसने भी विवाह किया और पास मे ही जमीन खरीदकर मकान बना लिया।शनिवार को आकाश का तो क्लीनिक खुला रहा, लेकिन प्रकाश के घर व क्लीनिक पर ताला लटकता मिला। दोनों भाइयों ने अपनी व्यवहारिकता के दम पर लोगों मे अच्छी पैठ बना ली। प्रभारी निरीक्षक चंद्रकांत सिंह ने बताया जानकारी मिली है। जांच की जा रही है।

खुफिया की चुप्पी, बंग्लादेशी ले रहे शरण

पुलिस के खुफिया विभाग के पास बंग्लादेशी, रोहिंग्या व संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त लोगों को ट्रेस करने का जिम्मा है। पिछले पन्ने खोलकर देखें तो जिले में कई आतंकवादी, रोहिंग्या को एसटीएफ व एटीएस ने पकड़ा। जिले की खुफिया टीम को इसकी भनक न लगना यह बताता है कि टीम पूरी तरह निष्क्रिय है। सूत्रों के अनुसार औद्योगिक क्षेत्र दही, बंथर व मगरवारा की फैक्ट्रियों में कई बंग्लादेशियों ने मजदूर ठेकदार बनकर शरण ले रखी है। सत्यापन न होने से अब तक पुलिस उन पर हाथ नहीं डाल सकी।

औद्योगिक क्षेत्र में जो भी फैक्ट्री संचालित हैं, यहां काम करने वाले मजदूर ठेकेदारों का सत्यापन कराया जाएगा। फैक्ट्री संचालकों को सत्यापन संबंधी बिंदु पर नोटिस जारी की जाएगी। जो सत्यापन कर सूची नहीं देगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। खुफिया को भी ऐसे लोगों की धड़पकड़ के लिए सक्रिय किया गया है।

सिद्धार्थ शंकर मीना, एसपी


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