खनन माफिया पर फिर नरम हुए प्रशासनिक तेवर
जागरण संवाददाता उन्नाव 50 हजार घन फीट के अवैध खनन व भंडारण को लेकर खननकर्ताओं पर प
जागरण संवाददाता, उन्नाव: 50 हजार घन फीट के अवैध खनन व भंडारण को लेकर खननकर्ताओं पर प्रशासन नरम नजर आ रहा है। इसका प्रमाण दो प्रकार से मिलता है, जिसमें पहले अत्यधिक विलंब से जुर्माना राशि का निर्धारण रहा। वहीं अब अचानक जुर्माना राशि जमा किए जाने के पहले दी गई समय सीमा को दोगुनी अवधि तक बढ़ा दिया गया है। गौरतलब है कि परियर में लगभग 50 हजार घन फीट बालू के अवैध खनन व भंडारण के आरोपितों को जांच के बाद तीन करोड़ का जुर्माना जमा किए जाने की मियाद महज 15 दिन दी गई थी। जिसे अब अचानक बढ़ाकर एक माह कर दिया गया है।
सिकंदरपुर सरोसी ब्लॉक के परियर में 104 बीघे के बालू पट्टे पर खेल करने वाले अभी तक समुचित कार्रवाई से बचे हुए हैं। पहले जहां हितलाभ के चक्कर में निगरानीकर्ता अधिकारियों ने यहां किए जा रहे अवैध खनन व भंडारण को अनदेखा किया। वहीं, जब जांच के बाद अब दूध का दूध व पानी का पानी हो गया। इसके बाद भी दोषी पर शिकंजा ढीला है। परियर में लगभग 50 हजार घन फीट बालू का अवैध खनन जांच के बाद भी लगभग दो महीने तक खान अधिकारी की फाइलों में महज इसलिए दबाकर रखा गया कि खान अधिकारी इसके जुर्माने की गणित नहीं बैठा पा रहे थे। हालांकि डीएम रवींद्र कुमार के तेवरों से डरे विभागाधिकारी ने किसी तरह जुर्माने की लगभग तीन करोड़ रुपए राशि तय की। इसे जमा करने के लिए दोषी खननकर्ता को 15 दिन का समय दिया गया। इस कार्रवाई को भी अब शिथिल किए जाने का प्रयास किया जा रहा है। दोषी खननकर्ता को अब 15 के बजाए एक माह का समय दिए जाने की जानकारी दी जा रही है।
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जब नियम था तो पहले ही कर देते एक माह
- इस बावत सफाई में प्रभारी खान अधिकारी व नगर मजिस्ट्रेट चंदन पटेल कहते हैं कि वैसे नियम है कि अवैध खनन का जुर्माना एक माह में वसूल किया जा सकता है। इसीलिए दोषी को 15 दिन का समय और दिया गया है। अधिकारी की सफाई पर यह प्रश्न उठना लाजिमी है कि जब नियम ही एक माह का था तो पहले 15 दिन का समय देकर किसे बेवकूफ बनाया गया।