गेहूं उत्पादन में बेहतर बढ़ोत्तरी की उम्मीद
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सुलतानपुर : मौसम में बदलाव और अनुकूल परिस्थितियों के चलते गेंहू के उत्पादन में खासी बढ़ोत्तरी हो सकती है। विशेषज्ञों ने अनुमान जताया है कि फसल की उचित देखभाल की जाए तो बीस प्रतिशत अधिक गेहूं का उत्पादन होने की उम्मीद है। बाली निर्माण के दौरान इस समय विशेष सतर्कता बरतने का सुझाव किसानों को दिया गया है। फसल की अंतिम सिचाई की तैयारी में किसान जुटे है। जिले में गेंहू के आच्छादन का क्षेत्रफल 11,6493 हेक्टेयर है। यह पिछले वर्ष की तुलना में 1.66 प्रतिशत अधिक है। बीते रबी सत्र की क्राप कटिग में गेंहू का औसत उत्पादन 53 क्विटल प्रति हेक्टेयर रहा है। इस बार इसकी वृद्धि 60 क्विटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।
यहां के अधिकतर किसानों की मुख्य फसल गेंहू है। छोटी बड़ी हर जोत का किसान गेंहू उत्पादन पर केंद्रित रहता है। बेहतर पैदावार की आशा में किसान खुश हैं। फसल अच्छी हो और किसानों के घर पहुंच सके इसके लिए किसानों को कुछ सावधानियां बरतनें के सुझाव कृषि विशेषज्ञों नें दिए हैं। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक डा. आरआर सिंह ने कहा कि गेंहू की फसल के लिए यह संवेदनशील समय है। बाली और दाना निर्माण का समय बोआई के 85 दिन बाद शुरू होता है। इस समय खेत में पर्याप्त नमी होना बेहद जरूरी है। गेंहू समशीतोष्ण जलवायु की फसल है। उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ा है ओर रात में ठंड रहने से दाने मोटे व चमकीले होगें। डॅा. सिंह ने कहा कि जिन किसानों ने देरी से बोआई की है फसल की अंतिम सिचाई कल्ले पड़ने के साथ अवश्य कर दें। शीतकालीन वर्षा बेहतर होने के चलते फसल की लागत कम हुई है। ऐसे में गेंहू का अधिक उत्पादन किसानों की आय में वृद्धि कर सकेगा।