आधुनिक पटरियों पर सुरक्षित और तेज होगा सफर
ट्रैक पर कम होगी रेल फ्रैक्चर की घटनाएं निहालगढ़ से सुलतानपुर तक 60 किलोमीटर के पहले चरण का कार्य पूरा हुआ। आज रात से परिचालन शुरू होने की संभावना।
सुलतानपुर : ट्रेनों का सफर सुरक्षित और तेज करने के लिए लखनऊ रेलखंड पर आधुनिक रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं। यह काम अब अंतिम चरण में है। इन पटरियों में सर्दियों में चटकने (फ्रैक्चर) की घटनाएं कम होंगी। साथ ही ट्रैक पर ट्रेनों और मालगाड़ियों की औसत गति में भी वृद्धि होगी। पहले चरण में निहालगढ़ से सुलतानपुर जंक्शन तक 60 किलोमीटर तक की पटरियां बदली गई हैं। गुरुवार को स्टेशन के उत्तरी केबिन के निकट चल रहे इस काम का रेलवे के उच्चाधिकारियों ने निरीक्षण किया। उम्मीद है कि देर रात से इस ट्रैक पर मालगाड़ियों का परिचालन शुरू हो जाएगा।
इस रेलखंड पर अब तक 25 साल पुरानी 52 आर की पटरियां थीं। बढ़ते यातायात और सामान्य दिनों में ट्रैक से 24 घंटे में तकरीबन 72 ट्रेनों और इतनी ही मालगाड़ियों की आवाजाही के चलते पटरियों के लिए यह दबाव असहनीय साबित हो रहा था। आने वाले दिनों की जरूरतों के मद्देनजर इन्हें बदला गया है। नवंबर से शुरू यह काम रिकार्ड समय में पूरा कर लिया गया है।
लगाए गए 60 आर के ट्रैक :
रेलखंड पर अभी तक 52 आर की पटरियां लगी थी, जिनके स्थान पर अब 60 आर की अत्याधुनिक पटरियों को बिछाया गया है। इससे ट्रैक हाई स्पीड ट्रैक में तब्दील हो सकेगा। बेहतर वीयर व टीयर (कम घिसावट और भारी यातायात के मद्देनजर विश्वसनीय ) आधुनिक पटरियों के बिछाए जाने से रेलगाड़ियों की अधिकतम रफ्तार औसतन 130 से 140 किमी प्रतिघंटा हो सकेगी, जो कि अभी तक 100 से 110 किमी प्रतिघंटा है। अगले दो माह में निहालगढ़ से उतरेटिया तक रेलखंड को बदल दिए जाने से उम्मीद बनती है कि मार्च से इस हाई स्पीड ट्रैक पर तेज रफ्तार का सफर शुरू हो सकेगा।
सहायक मंडल अभियंता रेलपथ मंगल यादव ने बताया कि ट्रैक को आधुनिक करने के लिए विभाग के सैकड़ों कर्मियों और मजदूरों ने दिनरात मेहनत कर पटरियों को बदला है। गुरुवार देर रात इस रेलखंड पर मालगाड़ियों का संचालन शुरू होने की उम्मीद है।