संसाधन व स्टाफ की कमी से जूझ रही यातायात पुलिस
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : शहर में यातायात पुलिस पर्याप्त स्टाफ व संसाधन न होने से बेबस नजर आ रही है। कर्मियों की कमी के चलते तमाम उपकरण गोदामों में पड़े-पड़े जंग खा रहे हैं। नुक्कड़ों चौराहों पर वाहनों के अंधाधुंध आवागमन पर लगाम लगाने के लिए बने ट्रैफिक बूथ भी सफेद हाथी बनकर रह गए हैं। यहां सिपाही नजर ही नहीं आते। होमगार्ड के जवानों के भरोसे यातायात व्यवस्था छोड़ दी गई है।
सवा दो लाख की आबादी वाला साढ़े तीन किमी की परिधि में बसे इस शहर में बहुत से संकरे नुक्कड़ चौराहे ऐसे हैं जहां हमेशा जाम लगा रहता है। सुगम और सुरक्षित यातायात के लिए नगर में यातायात पुलिस व्यवस्था है, लेकिन वह सिर्फ व्यावहारिकता कुछ और ही है। ट्रैफिक पुलिस का दस्ता संसाधन और कर्मियों से इस कदर जूझ रहा है कि जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान के दफ्तर के आसपास स्थित नुक्कड़-चौराहों पर भी तैनात करने को सिपाही नहीं हैं। डीएम आवास चौराहा, बस स्टेशन तिराहा, कुड़वारनाका चौराहा, अस्पताल रोड तिराहा, दरियापुर तिराहा, लखनऊनाका, शाहगंज व बाधमंडी चौराहा, हेड पोस्ट आफिस चौराहा, कलेकट्रेट तिराहा, दीवानी चौराहा जाम संभावित क्षेत्र हैं। यहां आने वाले जरूर जाम में जूझते हैं। देखते ही वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं और फिर घंटों जाम की स्थिति रहती है। इन स्थानों पर भी यातायात पुलिस के बजाय 41 होमगार्ड जवानों के ही आसरे नगर की यातायात व्यवस्था चलाई जा रही है।
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इस कदर है ट्रैफिक पुलिस में कर्मियों की कमी
उपलब्धता आवश्यकता
यातायात निरीक्षक 1 1
हेड कांस्टेबिल 1 2
कांस्टेबल 5 10
होमगार्ड 41 50
पीआरडी 0 40
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जंग खा रहा वाहन लिफ्टर व ब्री¨दग एनॉलाइजर
सड़कों पर बेतरतीब पार्किंग पर कार्रवाई के लिए वाहन लिफ्टर क्रेन है, लेकिन न तो चालक हैं और न ही पर्याप्त स्टाफ। लिहाजा वर्षों से क्रेन पुलिस लाइन में पड़ा हुआ जंग खा रहा है। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की जांच का उपकरण ब्री¨दग एनॉलाइजर भी करीब दो साल से उपयोग में नहीं लाया गया।
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शासन को लिखी है चिट्ठी
यातायात पुलिस में कर्मियों की कमी की बात उच्चाधिकारी भी जानते हैं। होमगार्ड के सहारे सुगम यातायात के प्रयास किए जा रहे हैं। मैंने पत्र लिखकर सिपाहियों व हेड कांस्टेबिलों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध अधिकारियों से किया है।
वीरेंद्र यादव, यातायात निरीक्षक