मुगल काल के शाही पुल की दीवार ढही, आवागमन ठप
अधिकारियों ने बैरीकेडिग लगवाकर रूट डायवर्जन किया। अंबेडकरनगर पहुंचने का सुलभ मार्ग हुआ बंद।
सुलतानपुर : नगर पंचायत दोस्तपुर के कस्बे से उतरी सीमा पर सुलतानपुर-अंबेडकरनगर को जोड़ने के लिए मझुई नदी पर अंग्रेजों के जमाने के शाही पुल की दीवार लगातार हो रही बरसात के बीच रविवार की सुबह ढह गई। इससे राहगीरों और स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई। दोस्तपुर व बेवना थाने की पुलिस ने बैरीकेडिंग कर पुल पर आवागमन बंद कराया। बहरहाल, अब दोस्तपुर से अंबेडकरनगर जाने वालों को काफी घूमकर पहुंचना होगा।
स्थानीय लोगों के अनुसार पुल 300 साल से ज्यादा पुराना है। कई वर्ष पहले एक कंपनी ने किनारे से खोदकर केबिल डाला था, जिसके बाद किनारों को सही तरीके से ढका नहीं गया। बारिश का पानी दीवारों में जाने से दबाव बढ़ गया, जिससे मिट्टी बह गई और पुल का किनारा गिर गया। इस मार्ग से इलाहाबाद, टांडा, बस्ती, गोरखपुर व फैजाबाद की बसें गुजरती थीं।
एक लाख से ज्यादा लोग रोजाना कस्बे की बाजारों से अपने रोजमर्रा के सामान खरीदने के लिए आते हैं। रास्ता बंद होने से इन्हें भी लंबा घूमकर आना पड़ रहा है। इस बाबत एसडीएम कादीपुर महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि पुल बहुत पुराना है। पीडब्ल्यूडी से बात करके जल्द ही इसकी मरम्मत कराई जाएगी। वहीं, अधिशासी अधिकारी वीरेंद्र प्रताप का कहना है कि संबंधित विभागों को घटना से अवगत करा दिया गया है। निर्देश मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। बताया कि यह मामला नगर पंचायत सीमा से बाहर का है।
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जौनपुर के शाहीपुल की तर्ज पर बना है पुल :
पुल पर सफेद पट्टी पट्टी में लगा फारसी भाषा का शिलापट पुल के निर्माण और मरम्मत की जानकारी देता है। यह पुल जौनपुर के शाही पुल की तरह बनाया गया है। इस पुल के नीचे कोठारियां बनाई गई थीं, जहां बरसात के समय लोग रुक भी सकते थे और पानी निकासी की भी व्यवस्था थी। धीरे-धीरे अतिक्रमणकारियों ने पुल को क्षति पहुंचाई। साफ-सफाई व देखरेख के अभाव में ऐतिहासिक पुल दुर्दशा का शिकार हो गया।