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नियम-कानून ठेंगे पर, धड़ल्ले से बज रहा डीजे

-अधिकारियों के लिए हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं रखता मायने -कानफोड़ू शोर से परेशान ह

By JagranEdited By: Published: Sun, 06 May 2018 06:08 PM (IST)Updated: Sun, 06 May 2018 06:08 PM (IST)
नियम-कानून ठेंगे पर, धड़ल्ले से बज रहा डीजे
नियम-कानून ठेंगे पर, धड़ल्ले से बज रहा डीजे

-अधिकारियों के लिए हाईकोर्ट का आदेश भी नहीं रखता मायने

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-कानफोड़ू शोर से परेशान हैं क्षेत्रवासी

संवादसूत्र, चांदा (सुलतानपुर) : ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर चंद माह पहले दिखाई गई सख्ती अब फाइलों में दब गई हैं। वजह जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। इसके चलते शादी की खुशी में लोग इतने डूब जा रहे हैं की पूछिए मत। इन्हें न तो किसी की परेशानियों का ख्याल है और न ही हाईकोर्ट के आदेश का डर। हाई कोर्ट के सख्त आदेश के बाद भी डीजे संचालको की मनमानी के चलते रात

दस बजे के बाद भी खुलेआम ध्वनि विस्तारक यंत्रों की धुन पर जिम्मेदारों की नाक के नीचे कान फोडू साउंड बजते रहते हैं। आश्चर्य की बात तो यह कि कभी इसे लेकर सख्ती दिखाने वाले जिम्मेदार सब कुछ जानते हुए भी मौन साधे हुए हैं। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद सूबे की योगी सरकार हरकत में आ गई थीं।

धार्मिक स्थानों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बिना अनुमति लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया। सरकार की सख्ती के बाद प्रशासन खरगोश की चाल चला और करीब सैकड़ा भर धार्मिक स्थानों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों को लगाने की अनुमति प्रदान की। खुद जिलाधिकारी ने प्रमुख सचिव गृह के पत्र का हवाला देते हुए इसे लेकर बैठक किए। सख्त चेतावनी दी कि बिना अनुमति के शादी-विवाह जैसे आयोजनों में भी डीजे का उपयोग न किया जाए। लेकिन यह चेतावनी शादी के दौर शुरू होते ही मानो ठंडे बस्ते में डाल दी गई। नतीजतन गिने लोगों को छोड़ दे तो सभी ने बिना अनुमति के अपने यहां आयोजनों में ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग किया, जो जारी भी है।

पांच साल तक सजा का प्रावधान

निर्धारित शर्तों एवं ध्वनि प्रदूषण (विनियम और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्राविधानों का उल्लंघन पाए जाने की दशा में उत्तरदाई व्यक्ति के विरुद्ध पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 की धारा 15 के तहत दंडनीय अपराध है। जिसमें दोषी पाए जाने पर पांच वर्ष का कारावास व एक लाख रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों दंडित किए जाने के व्यवस्था है।

कोट

डीजे वहीं बजेंगे जहां अनुमति दी गई है इसके अलावा डीजे बजने पर पूर्णत प्रतिबंध है। हाईकोर्ट के आदेश का पालन कराने के लिए थानेदारो को जिम्मेदारी दी गई है। जहां भी डीजे बजता मिला संचालक पर कार्रवाई करने के साथ घराती-बराती दोनों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

-डॉ. रमेश चंद्र शुक्ला, उपजिलाधिकारी लम्भुआ


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