कलेजे पर पत्थर रख बेटे को दी अंतिम विदाई
लम्भुआ (सुलतानपुर): इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है, जबकि बाप को अपने जवान बेटे को कं
लम्भुआ (सुलतानपुर): इससे दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है, जबकि बाप को अपने जवान बेटे को कंधा देना पड़े। कुछ ऐसा ही हुआ लम्भुआ कस्बे में। सोमवार की भोर में हुई सड़क दुर्घटना में दिवंगत हुए दोनों दोस्तों के पिता को मजबूरन ऐसा करना पड़ा। बेटों की इस उम्र में जब पिता को आराम मिलने का समय आया तो उनके कंधों पर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ गया।
सोमवार को अमेठी जिले के मुंशीगंज कोतवाली क्षेत्र के सारदन गांव के समीप एक सड़क हादसे में कस्बा निवासी दुर्गेश पुष्पजीवी व दिलीप बरनवाल की मौत हो गयी थी। दुर्गेश का अंतिम संस्कार सोमवार की देर रात तो दीपक का मंगलवार को धोपाप घाट पर किया गया। बिलखते पिता ने दोनों ने अपने पुत्रों की चिता को मुखाग्नि दी। इस दौरान खासी संख्या में कस्बावासी, परिवारीजन, रिश्तेदार व परिचित मौजूद रहे। दुर्गेश की तीन बहनें हैं। जिनकी भी जिम्मेदारी उसी के कंधे पर थी। परिवार में सिर्फ दुर्गेश ही एक मात्र कमाऊ पूत था। पिता राम सेवक एक निजी विद्यालय में मामूली मानदेय पर लिपिक पद पर तैनात हैं। दुर्गेश के चले जाने से राम सेवक के ऊपर मानों पहाड़ टूट पड़ा हो। अब पूरे परिवार की जिम्मेदारी राम सेवक पर ही है। इसी तरह दीपक के ऊपर भी पूरे परिवार व प्रतिष्ठान की जिम्मेदारी थी। दो मासूम बच्चों के साथ अब यह सब जिम्मेदारी उनके पिता गोपी श्याम बरनवाल के ऊपर आ गई है। मंगलवार को वे भी अपने इकलौते बेटे को मुखाग्नि देते वक्त फफक पड़े थे। फिलहाल, पूरे कस्बे में गम का माहौल है। लोग इस ह्रदय विदारक घटना से स्तब्ध हैं।