फेल हुआ शिक्षकों का कार्य बहिष्कार आंदोलन
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सुलतानपुर : विभिन्न मांगों को लेकर मंगलवार को उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ का तालाबंदी व कार्य बहिष्कार आंदोलन बेअसर रहा। शासन द्वारा सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन करने वाले शिक्षकों के विरुद्ध कार्रवाई किए जाने से शिक्षक सहम गए और आंदोलन से किनारा कर लिया। सभी विकास खंडों के परिषदीय विद्यालय समय से खुले रहे और अध्यापन कार्य भी सकुशल संपन्न कराया गया। संघ की तरफ से आंदोलन की घोषणा पर बेसिक शिक्षा विभाग की अपर सचिव रेणुका कुमार की तरफ से 20 जनवरी की शाम बीएसए को पत्र जारी किया गया था। जिसमें सामूहिक अवकाश लेकर तालाबंदी कर आंदोलन करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई करने की बात कही गई थी।
मात्र 200 शिक्षकों ने ही लिया भाग
पुरानी पेंशन बहाली, फर्नीचर, पीने के लिए पानी, शौचालय, निश्शुल्क चिकित्सा, दूसरे शनिवार को अवकाश समेत 21 सूत्री मांगों को लेकर शिक्षकों ने बीएसए दफ्तर पर धरना दिया। मार्च निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचे अध्यापकों ने डीएम को मुख्यमंत्री संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिले भर के परिषदीय विद्यालयों में तैनात आठ हजार शिक्षकों में से मात्र दो सौ शिक्षक ही शामिल हुए।
अनुदेशकों, शिक्षामित्रों ने निभाया कर्तव्य
जिले में तैनात करीब पांच सौ अनुदेशक व 24 सौ शिक्षामित्र अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए समय से विद्यालय पहुंचे और अध्यापन कार्य को पूरा किया। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष दिनेश चंद्रा ने बताया कि जिले के सभी शिक्षामित्रों विद्यालय पहुंचे। अनुदेशक जिलाध्यक्ष आशुतोष यादव ने कहा कि अनुदेशकों ने भी आंदोलन का समर्थन नहीं किया। इसके अलावा राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के जिला संयोजक अरुणेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि छात्रों का भविष्य संवारना शिक्षकों का प्रथम कर्तव्य है। शासन की मंशा के विरुद्ध आंदोलन स्वीकार्य नहीं होना चाहिए।
सामूहिक अवकाश पत्र को बीएसए ने किया अमान्य
प्रभारी बेसिक शिक्षा अधिकारी रवींद्र वर्मा ने बताया कि मानव संपदा पोर्टल पर अवकाश लिए जाने का प्रावधान है। सोमवार को शिक्षकों के एक गुट ने सामूहिक अवकाश के लिए लिखित आवेदन किया था, जिसे अमान्य कर दिया गया। ऐसे में विद्यालय से गायब रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।