Move to Jagran APP

सीमा के सपनों की नहीं कोई सरहद

सुलतानपुर लक्ष्य पाने का जुनून कामयाबी के शिखर पर ले जाता है। गिरकर संभलने के बाद जो मुका

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Jan 2020 10:45 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jan 2020 06:08 AM (IST)
सीमा के सपनों की नहीं कोई सरहद

सुलतानपुर : लक्ष्य पाने का जुनून कामयाबी के शिखर पर ले जाता है। गिरकर संभलने के बाद जो मुकाम हासिल होता है, दुनिया उसी का अनुसरण करती है। यह कर दिखाया दूबेपुर ब्लॉक के कुतुबपुर गांव निवासी सीमा पांडेय ने। कुछ कर गुजरने की कोशिश करने वाली गांव की इस बेटी को कभी थोड़े से नाम की चीज से तसल्ली नहीं हुई। लक्ष्य पाने के लिए वह कभी अयोध्या तो कभी प्रयागराज का सफर तय करती रही। प्रयास का नतीजा रहा कि उन्होंने प्रशासनिक सेवा में एक अच्छी रैंक हासिल की और आज लखनऊ में प्रशिक्षु एसडीएम हैं।

loksabha election banner

सीमा पांडेय के पिता रमापति पांडेय जौनपुर में पंचायती राज लेखाधिकारी के पद पर तैनात थे। वहीं उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लाइन बाजार स्थित जनक कुमारी स्कूल से पूरी की। 1998 में वह अयोध्या चली गईं। यहां से उन्होंने हाईस्कूल व इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण की। 2008 में सुलतानपुर के कमला नेहरू भौतिकी एवं सामाजिक संस्थान से एलएलबी पूरी की। इसके बाद वह सिविल सेवा की तैयारी के लिए प्रयागराज चली गई। 2015 लोक सेवा आयोग उत्तर प्रदेश की परीक्षा में उनका चयन सहायक अभियोजन अधिकारी के पद पर हुआ। उनकी तैनाती अंबेडकरनगर में हुई। सीमा बताती हैं, सहायक अभियोजन की नौकरी सीमित दायरे की है। वह समाज की सेवा करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने आगे बढ़ने का प्रयास जारी रखा। 2016 पीसीएस परीक्षा में उन्होंने 53वीं रैंक हासिल की। इन दिनों वह एसडीएम प्रशिक्षु के रूप में लखनऊ में हैं।

अगली मंजिल भारतीय प्रशासनिक सेवा

सीमा यहीं नहीं ठहरना चाहतीं। कामयाबी की भूख अभी बरकरार है। वह समाज के निचले पायदान के व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं को पहुंचाकर उनकी सेवा करना चाहती हैं। अधिकार जितने ही बड़े होंगे उतना ही सेवा का विस्तार होगा। लिहाजा वह अब भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित होने के प्रयास में जुट गई हैं। वह कहती हैं कि संघ लोक सेवा आयोग अपने देश के लिए सबसे बड़ा कैनवास है। इसका सदुपयोग एक लोकसेवक के रूप में करना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.