अवसि देखिए देखन जोगू,पुनि-पुनि मिल¨ह न अस संजोगू
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : नगर समेत जिलेभर में दुर्गापूजा महोत्सव की धूम है। गुरुवार को शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि होने की वजह से सुबह से ही पूजा-पंडालों में हवन-पूजन के साथ धार्मिक कार्यक्रम का सिलसिला शुरू हो गया। शाम होते ही सारा शहर रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर हो उठा। विशालकाय भव्य पंडालों में गूंजती भक्तिगीतों की स्वर लहरियां और देवी दर्शन को आतुर भक्तों की कतार हर ओर दिखाई दी। ..अवसि देखिए देखन जोगू.पुनि-पुनि मिल¨ह न अस संजोगू गोस्वामी तुलसीदास की ये पंक्तियां अब चरितार्थ होती सी लग रही हैं। नगर की हर गली-गली तो वहीं दोस्तपुर, लम्भुआ, कादीपुर, हनुमाननगंज, कूरेभार, अलीगंज, शंभूगंज, शिवगढ़, अहिमाने, कोइरीपुर आदि कस्बों में देवी के विभिन्न स्वरूपों के दर्शन के लिए गांव-गांव से लोग उमड़ने लगे हैं। शहर में दशहरा के दिन से ही दुर्गापूजा की शुरुआत होती है।
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गल्ला मंडी में सजा अन्नपूर्णा का दरबार
पारकींसगंज चौराहे से गल्लामंडी को जाने वाले मार्ग पर मां अन्नपूर्णा का भव्य दरबार सजा हुआ है। रंग-बिरंगी झिलमिलाती बिजली की झालरों से सजा हुआ मार्ग और पूजा पंडाल में विराजमान मां अन्नपूर्णा की छवि अलौकिक है। शाम छह बजे के बाद से देर रात तक भक्तों की कतार लगी रही।
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ठठेरी बाजार में बड़ी दुर्गा व चित्रा गली में मां अंबे
शहर में सबसे पहले से स्थापित की जा रही बड़ी दुर्गा का कोलकाता की स्थापत्य शैली के मॉडल रूप में बना पूजा-पंडाल श्रद्धालुओं का मन मोह रहा है। मां दुर्गा की महिषासुर मर्दिनी छवि कलात्मक है। यहां रोजाना दुर्गा सप्तसती का पाठ हो रहा है। वहीं चित्रा गली मोड़ पर अंबे माता पूजा समिति ने अंबे भवन पंडाल का निर्माण कराया है।
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धरती माता व भारत माता आकर्षण का केंद्र
एक ओर जहां देवी के विविध स्वरूप जगह-जगह विभिन्न मुहल्लों एवं बाजारों में स्थापित हैं, वहीं दरियापुर में कृष्णा नगर मोड़ पर शेर पर सवार त्रिशूल लिए हुए भारत माता की आकर्षक छवि साथ में पृष्ठभूमि में भारतीय मानचित्र और चहुंओर राष्ट्रीय ध्वज अलग ही छंटा बिखेर रहा है। राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत गीत देशप्रेम की अलख जगा रहे हैं। वहीं पल्टनबाजार में प्रतिभा साहित्य निकेतन के सामने गली में धरती माता का सजा पंडाल वैश्वीकरण एवं विश्व बंधुत्व का संदेश दे रहा था।
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गोलाघाट, सीताकुंड व बस स्टेशन की प्रतिमाएं भी अछ्वुत
गोलाघाट, सीताकुंड, बस स्टेशन, पयागीपुर, विवेकनगर, रुहट्ठा गली आदि क्षेत्रों में स्थापित देवी प्रतिमाओं के स्वरूप भी आकर्षण का केंद्र हैं। यहां सीप और शंखिया से निर्मित प्रतिमाओं को श्रद्धालु एक टक निहार रहे हैं।