लाइन में फाल्ट, रात भर गुल रही तीस गांव की बिजली
हाईटेंशन लाइन में आई थी खराबी शुक्रवार सुबह छह बजे बहाल हुई आपूर्ति
सुलतानपुर : हाईटेंशन लाइन में खामी के चलते गुरुवार की पूरी रात करीब दस घंटे तक लोलेपुर उपकेंद्र के तीस से अधिक गांवों की बिजली गुल रही, जिससे करीब एक लाख की आबादी प्रभावित हुई।
400 केवीए केएनआई उपकेंद्र से लोलेपुर, भदैंया व दूबेपुर विकास खंड के तीस से अधिक गांव को बिजली आपूर्ति होती है। गुरुवार की शाम को आठ बजे अचानक फाल्ट आने से लाइन ब्रेक हो गई। इसके चलते उपकेंद्र से गांवों को जाने वाली आपूर्ति बाधित हो गई जो शुक्रवार की सुबह सात बजे तक बाधित रही। आधा दर्जन लाइन मैन फाल्ट ढूंढ़ने निकले, लेकिन रात भर कड़ी मशक्कत के बाद भी सुबह छह बजे तक फाल्ट को ढूंढ़कर ठीक कर सके। सुबह छह बजे के बाद हाईटेंशन लाइन को चेक करके लाइन चालू करने में सफलता मिल पाई। इस दौरान करीब दस घंटे से अधिक उपकेंद्रों से गांव को जाने वाली सप्लाई बाधित रही।
: फाल्ट ठीक करने के लिए ब्रेक डाउन लिया गया था। सुबह लाइन सही होने के बाद गांवों की लाइन चालू कर दी गई है।
केके मिश्रा, अभियंता केएनआई उपकेंद्र गांधी आश्रम के मंत्री पर लगे आरोप
सुलतानपुर : कुड़वारनाका स्थित क्षेत्रीय गांधी आश्रम के मंत्री पर आश्रम के अन्य पदाधिकारियों ने मनमानी और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। पदाधिकारियों ने आश्रम मंत्री के खिलाफ लामबंद होते हुए मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।
प्रकरण 24 नवंबर को सत्र की बैठक से उभरा है। बैठक में संस्था के ट्रस्टी सदस्य व संचालक पद पर चुनाव समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा की जानी थी। संस्था के कार्यवाहक अध्यक्ष व ट्रस्टी सदस्य धर्मराज गौतम व सदस्य राजेंद्र प्रसाद पांडेय, दुर्गा प्रसाद तिवारी, सतीश कुमार शुक्ल, सरवरी बेगम, शंभू दयाल आदि की मौजूदगी में रामतीरथ चौरसिया को सामान्य सभा का सदस्य चुना गया। वहीं ट्रस्टी सदस्य के पद पर विवाद बढ़ गया। संस्था के दो तिहाई सदस्य जिसे चुनना चाहते थे, आरोप है कि उसका विरोध कर मंत्री सतीश उपाध्याय ने अपने किसी चहेते को इस पद पर आसीन करने का कुचक्र रच दिया। छह सदस्यों के विरोध के बाद मनमुताबिक कार्य न होते देख मंत्री ने मिनट बुक और अन्य जरूरी कागजात लेकर बैठक से भाग गए। अब तक वे नहीं आए हैं। संस्था पदाधिकारियों ने मामले से आश्रम के उच्चाधिकारियों को अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की है। मंत्री सतीश ने अपने ऊपर लगे आरोपों के संदर्भ में कहा कि बैठक में कुछ अराजकतत्व आ आए थे, जिन्होंने कार्रवाई में बाधा डाली और मारपीट पर उतारू हो गए। ऐसे में जान बचाकर मुझे भागना पड़ा।