तीन साल में सिर्फ 11 पुरुषों ने कराई नसबंदी
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संवादसूत्र, सुलतानपुर :
जनसंख्या नियंत्रण एवं परिवार कल्याण के कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग जोरशोर से चला तो रहा है, लेकिन नसबंदी में पुरुष फिसड्डी साबित हो रहे हैं। इसे जागरूकता का अभाव कहा जाए या कुछ और। आंकड़े तो कहते हैं कि पुरुषों से कई गुना ज्यादा महिलाएं परिवार नियोजन के प्रति जागरूक हैं। क्योंकि नसबंदी की दर महिलाओं की अच्छी है। गुजरे साल में करीब एक हजार महिलाओं के सापेक्ष सिर्फ चार पुरुषों ने ही नसबंदी कराई।
बेतहाशा बढ़ रही जनसंख्या को काबू में करने के लिए सरकार नसंबदी कराने वाले लोगों को प्रोत्साहन राशि दे रही है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों को महिलाओं की अपेक्षा अधिक प्रोत्साहन राशि दी जाती है। बावजूद पुरुषों नसबंदी में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। जिले में तीन साल के भीतर कुल 3960 लोगों ने नसबंदी कराई। इनमें से पुरुषों की संख्या केवल 11 है।
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तीन साल के आंकड़ों पर एक नजर
वर्ष महिला पुरुष
2016-17 1489 04
2017-18 1501 03
2018-19(20 दिसंबर तक) 959 04
नोट.आंकड़े स्वास्थ्य विभाग के अनुसार।
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सीएमओ डॉ.सीवीएन त्रिपाठी ने बताया कि पुरुष नसबंदी बेहद सरल और सफल है। वासेक्टोमी सर्जरी में अंडकोष की थैली के दोनों ओर एक मामूली सा छेद कर शुक्रवाहक नलिका अवरुद्ध कर दी जाती है। आपरेशन के बाद पौरुष क्षमता जरा सा भी प्रभावित नहीं होती।