महिला अस्पताल में दवा न डॉक्टर, मरीज परेशान
संवादसूत्र, सुलतानपुर : सुबह 11.34 बजे जिला महिला अस्पताल की ओपीडी मरीजों से खचाखच है। पंजीक
संवादसूत्र, सुलतानपुर : सुबह 11.34 बजे जिला महिला अस्पताल की ओपीडी मरीजों से खचाखच है। पंजीकरण, पैथोलॉजी व चिकित्सकों के कक्ष के सामने लंबी कतारें हैं। डाक्टरों से परामर्श के लिए मरीज जद्दोजहद कर रहे हैं। घंटों से लाइन में खड़ी कई महिलाओं का सब्र जवाब दे रहा है। यह स्थिति इसलिए है, क्योंकि सिर्फ चार चिकित्सक ही ओपीडी में मौजूद हैं, तीन छुट्टी पर हैं। जबकि डा. मनीषा मेहतानी बिना पूर्व सूचना के ही गायब हैं। सबसे अधिक भीड़ वरिष्ठ महिला रोग विशेषज्ञ डा. रीता ¨सह के कक्ष के बाहर लगी है। 77 मरीज देखने के बाद दोपहर करीब 12 बजे वह कक्ष छोड़कर बाहर चली गईं। मरीज परेशान हैं।
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फार्मेसी के सामने सन्नाटा
फार्मेसी के सामने सन्नाटा है जबकि, जिला अस्पताल प्रवेश द्वार के आसपास के मेडिकल स्टोर्स पर दवाएं खरीदने वालों का तांता लगा है। दोस्तपुर ब्लाक के बेलवारे निवासी संगीता पत्नी अशोक कुमार ने बताया कि उनकी नवजात बेटी आराध्या की तबीयत खराब है। चिकित्सक ने जो दवाएं लिखी हैं, वह अस्पताल से नहीं मिलीं। बाहर करीब एक हजार रुपये इसका दाम बताया। दवा में पैसा कम पड़ गया तो उधार लेना पड़ा। औसतन 600 मरीज आ रहे रोज-यहां रोज औसतन 600 मरीज रोजाना ओपीडी पहुंच रहे हैं। गत तीन दिनों के भीतर ओपीडी व इमरजेंसी में 1783 मरीजा ं का पंजीकरण किया गया है। इस दौरान चिकित्सकों के छुट्टी पर चले जाने से मरीजों का बुरा हाल है। वहीं सीएमएस का दावा है कि अस्पताल में सारी दवाएं मौजूद हैं।
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अस्पताल में सभी दवाए् मुफ्त उपलब्ध हैं। चिकित्सकों को बाहर से दवा न लिखने के सख्त निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद भी यदि कोई बाहर से दवा लिख रहा है तो उसके खिलाफ जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
-डा. उर्मिला चौधरी, सीएमएस महिला अस्पताल