पखवारा बीत गया कम नहीं हो रही धान विक्रेता किसानों की मुश्किलें
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सुलतानपुर : धान खरीद की सरकारी प्रक्रिया का कागज पर एक पखवारा से ज्यादा दिन बीत गया। साधन सहकारी समिति को छोड़कर हड़ताल पर रहे विपणन निरीक्षक भी काम पर वापस लौट आए। बावजूद इसके धान विक्रेता किसानों की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
बनाए गए 28 क्रय केंद्रों में से तकरीबन आधे केंद्र साधन सहकारी समिति के हैं। इन सभी पर ताला लगा है। कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं। वहीं विपणन निरीक्षकों के काम पर वापस आने से मार्के¨टग विभाग के क्रय केंद्र तो खुल गए, लेकिन सभी पर खरीद शुरू नहीं हो सकी। हालांकि, विभागीय दावा है कि गुरुवार को बीस क्विंटल धान खरीदा गया है। शुक्रवार को भी खरीद हुई है, लेकिन देरशाम तक वे आंकड़ा उपलब्ध नहीं करा सके। अफसरान इसी में खुश हैं कि एक पखवारे से धान खरीद को लेकर जो गतिरोध चला आ रहा था, वह खत्म हुआ। खरीद हुई भले ही वह नाममात्र की है। व्यथित हैं किसान
धान को लेकर सरकारी रवैये पर किसान व्यथित और ¨चतित हैं। अमहट के सुनील वर्मा, बृजनाथ जायसवाल, मलिकपुर के मो.हमीद, लल्लू आदि कहते हैं कि ठंडक शुरू हो गई है। धूप भी तेज नहीं है। ऐसे में घरों में रखे अनाज में नमी बढ़ती जा रही है। क्रय केंद्रों पर ज्यादा नमी होने पर किसानों को वापस कर दिया जाता है। उनकी उपज खरीदी नहीं जाती। अफसरों ने तेज की राइस मिलरों से वार्ता
चावल मिल संचालकों की हड़ताल भी धान खरीद में सबसे बड़ी बाधा है। जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी विनीता मिश्रा कहतीं हैं कि धान खरीदे जाने के बाद उनके भंडारण की सबसे बड़ी समस्या है। क्रय केंद्रों पर भंडारण की व्यवस्था नहीं है। हालांकि चावल मिल संचालकों से वार्ता में गति लाई जा रही है। उन्हें समझाने का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक बीस क्विंटल धान खरीदा गया है। कुछ दिन का वक्त और लगेगा, खरीद में तेजी आएगी।