घर-घर नहीं, अब स्वास्थ्य केंद्रों पर ही लग रहा कोरोना रोधी टीका
मंगलवार को भी स्वास्थ्य केंद्रों पर जारी रही टीका लगवाने को लेकर मारामारी।
सुलतानपुर : एंटी कोरोना वैक्सीन की कमी से टीकाकरण अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है। ग्रामीणांचल में बूथ बनाकर लोगों को अधिकाधिक टीका लगाने की जगह अब स्वास्थ्य केंद्रों पर ही वैक्सीन लगाई जा रही है। वहीं, सेटर सीमित किए जाने से स्वास्थ्य केंद्रों पर टीका लगवाने वालों की भीड़ एकत्र हो रही है। ऐसे में स्वास्थ्य कर्मियों को भी टीकाकरण के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पांचवें चरण में ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को कोरोना रोधी टीकाकरण से से लाभांवित करने के लिए खाका तैयार किया गया है। जुलाई में 18 वर्ष से ऊपर के 12 लाख से ज्यादा उम्र के लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वैक्सीन की कमी के चलते इस माह में अभी तक लक्ष्य का मात्र 10 फीसद ही प्राप्त किया जा सका है।
25 हजार लोगों का रखा गया था लक्ष्य :
एक माह के भीतर 12 लाख लोगों को प्रतिरक्षित किए जाने को लेकर हर दिन करीब 40 हजार लोगों को टीका लगाया जाना था। वैक्सीन की उपलब्धता को देखते हुए शुरू में 25 हजार लोगों का लक्ष्य बनाकर काम शुरू किया गया। टीके की उपलब्धता न होने से प्रतिदिन का लक्ष्य 10 हजार के आसपास कर दिया गया। वैक्सीन की कमी जारी रही और लक्ष्य छह से आठ हजार तक सिमट गया। वहीं, 20 दिन के भीतर कई दिन तो क्लस्टर अभियान चलाया ही नहीं गया, जो कि रूटीन टीकाकरण तक ही सीमित रह गया। बहरहाल, जैसे-जैसे वैक्सीन मिल रही है, वैसे ही लक्ष्य को घटा-बढ़ाकर अभियान को संचालित किया जा रहा है।
कम किए गए गावों में लगने वाले बूथ :
टीके की कमी के चलते सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र, पंचायत भवन, बेसिक विद्यालय व हेल्थ वेलनेस सेंटर पर लगने वाले बूथों में कमी कर दी गई। जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. एएन राय ने बताया कि कोविड वैक्सीन की कमी को दूर किए जाने का प्रयास किया जा रहा है।
मंगलवार को भी जारी रही मारामारी :
टीके की कमी से होने वाली भीड़ मंगलवार को भी जारी रही। कूरेभार सीएचसी पर भीड़ इस कदर बढ़ गई कि स्थिति अनियंत्रित हो गई। काफी संख्या में लोगों को बिना टीके के ही वापस लौटना पड़ा। यही स्थिति कादीपुर व जयसिंहपुर सीएचसी पर देखने को मिली। वैक्सीन की कमी से स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तय किया गया लक्ष्य भी पूरा नहीं किया जा सका।