आने वाले वक्त में मरीजों को दवाएं भी देंगे रोबोट
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सुलतानपुर : आने वाले वक्त में मशीनें मानव जीवन पर छा जाएंगी। यहां तक कि रोबोट मरीजों को दवाएं भी देंगे। अब ऐसी युक्ति भी खोज ली गई है जिनसे स्वचालित मशीनों पर नियंत्रण रखा जा सकेगा। ये कहना है भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के वैज्ञानिक डॉ.ललित ¨सह का। वे शनिवार को कमला नेहरू प्रौद्योगिकी संस्थान में साफ्टवेयर इंजीनिय¨रग विषयक कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। दो दिवसीय कांफ्रेंस में साफ्टवेयर के नामी-गिरामी विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। भाभा सेंटर के डॉ.¨सह ने कहा कि कोई भी क्षेत्र अब स्वचालित मशीनों से अछूता नहीं है। चिकित्सा के क्षेत्र में भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। अब तो ऐसी भी मशीनें और रोबोट आ चुके हैं, जो स्वयं तय करते हैं कि मरीज को कितनी दवा कितनी मात्रा में कब देनी है। ठीक उसी प्रकार नाभकीय विखंडन में अपार ऊर्जा प्राप्त होती है। परन्तु उसे रोकना भी उतना ही जरूरी है अन्यथा यह परमाणुबम का रूप ले ले सकती है। रोबोट व मशीनों पर नियंत्रण के लिए डॉ.¨सह ने युक्ति भी बताई। कांफ्रेंस के दौरान विदेशों के भी शोधार्थियों के भेजे गए करीब डेढ़ सौ शोध पत्र पढ़े गए। निदेशक प्रो.जेपी पांडेय ने प्रतिभागियों को सम्मानित किया।
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पेट्रीनेट्स रखेगा रोबोट पर नियंत्रण
विज्ञानी डॉ.¨सह ने बताया कि पेट्रीनेट्स एक गणितीय मॉडल है। इसकी सहायता से स्वचालित मशीनों को परखा जा सकता है। उनका विश्लेषण किया जा सकता है और मशीनों पर भरोसा किया जा सकता है।
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कारों में आर्टीफिशियल इंटलीजेंस का प्रयोग
आर्टीफिशियल इंटलीजेंस का प्रयोग ऑटोमोटिव क्षेत्र में बढ़ चढ़कर किया जा रहा है। आईआईआईटी प्रयागराज के प्रो.जीसी नंदी ने रोबोटिक्स के विषय में जानकारी देते हुए आर्टिफिशियल इंटलीजेंस के बारे में बताया। कहा कि विदेशों में इसे स्वचालित कारों में प्रयोग किया जा रहा है। शीध्र ही यह भारत में भी छा जाएगा।