गांव लौटे प्रवासी अपनी पहचान के लिए कर रहे जद्दोजहद
सुलतानपुर लॉकडाउन में गांवों को लौटे प्रवासी अब अपनी पहचान को लेकर जद्दोजहद में जुट गए
सुलतानपुर: लॉकडाउन में गांवों को लौटे प्रवासी अब अपनी पहचान को लेकर जद्दोजहद में जुट गए है। दो माह रोजगार से वंचित प्रवासी नागरिक अधिकारों को लेकर सजग हो गए हैं। उनकी सतर्कता और जागरूकता इसी से जाहिर होती है कि वह गांव पहुंचने के चंद दिनों में ही पूíत विभाग की घंटी बजाने लगे। परिवार के बने राशन कार्ड में नाम बढ़वाने या फिर नए कार्ड के निर्माण के लिए आवेदन देने का सिलसिला रोजमर्रा के कार्य में समाहित हो गया है। जिससे वह सरकार से मिलने वाले लाभ को हासिल कर सकें।
दोस्तपुर ब्लॉक के बढ़ौली गांव में 10 दिन पहले सूरत से अशोक गुप्ता आए हैं। परिवार के बने राशन कार्ड में उनका व उनके पुत्र का नाम कटने की जानकारी हुई तो फौरन आवेदन कर दिया। जयसिंहपुर के बिनवन की जानकी ने 4 सदस्यों के साथ प्रार्थना पत्र दिया है। 16 दिन पहले लुधियाना से आई हैं। फत्तेपुर की फूलन देवी 13 दिन पूर्व सूरत से घर पहुंची। उन्हें भी पहचान पत्र चाहिए। लिहाजा कार्ड की मांग की। फाजिलपुर की निर्मला व करौदीकला के अमरेपुर जुमेदपुर में मुंबई से आए वजीद और सुनील सरीखे जिले के सैकड़ों लोग इस कतार में हैं।
-अस्थाई राशन कार्ड
पूíत महकमा प्रवसियों के लिए फिलहाल अस्थाई राशन कार्ड बना रहा है। अभी तक 1400 कार्ड के लिए सत्यापन का काम पूरा हो गया है। फीडिग की प्रक्रिया रही है। यह आंकड़ा अप्रैल व मई माह का है। इसके अतिरिक्त इन दो माह में 3070 आवेदकों ने विभिन्न त्रुटियों को दूर करने के लिए विभाग से संपर्क साधा, जिसकी प्रक्रिया पूर्ण हो गई है।
-सत्यापन के बाद ही बनेगा कार्ड
चाहे प्रवासी या अन्य जो भी आवेदन कर रहा है, सत्यापन के बाद पात्रता सिद्ध होने पर राशन कार्ड बनाया जा रहा है। कोई भी पात्र वंचित नहीं होगा।
अभय सिंह, जिला पूíत अधिकारी