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स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास रखी रह गई दवाएं

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By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Nov 2018 12:26 AM (IST)Updated: Sun, 18 Nov 2018 12:26 AM (IST)
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास रखी रह गई दवाएं
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास रखी रह गई दवाएं

सुलतानपुर : जानलेवा बीमारी फाइलेरिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य महकमे की ओर से चलाया गया तीन दिवसीय अभियान कागजों तक सिमटकर रह गया है। जिले के कुछ इलाकों को छोड़ दें तो अधिकांश गांवों-कस्बों में स्वास्थ्य कार्यकर्ता दवा खिलाने पहुंचे ही नहीं। दवाएं उनके पास रखी रह गईं।

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शासन के निर्देश पर फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 14, 15 व 16 नवंबर को सार्वजनिक दवा सेवन अभियान (एमडीए) चलाया गया। इसका उद्देश्य जिलेवासियों को फाइलेरिया रोग से बचाना था, लेकिन जिम्मेदारों ने कार्यक्रम के संचालन में बेहद लापरवाही बरती। आशा बहू व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की 1416 संयुक्त टीमों में से ज्यादातर निष्क्रिय रहीं। भदैंया, लम्भुआ, पीपी कमैचा, दूबेपुर, जय¨सहपुर, बल्दीराय व कुड़वार समेत जिले के सभी ब्लाकों के सैकड़ों गांवों में कार्यकर्ता दवाएं खिलाने नहीं पहुंचे। जबकि अभियान के पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी एसीएमओ डॉ.एके सिन्हा व जिला मलेरिया अधिकारी एसजेडए जैदी को सौंपी गई थी। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को कार्यक्रम की निगरानी के लिए कहा गया था। अधिकारियों की उदासीनता का नतीजा यह रहा कि अभियान फेल हो गया।

नागरिकों की जुबानी : भदैंया ब्लाक के बेला मोहन के राकेश ¨सह, हनुमानगंज निवासी सौरभ ¨सह, शीला देवी व अभियाखुर्द की मुस्कान शुक्ला ने बताया कि अभी तक उन्हें दवा नहीं खिलाई गई है। जय¨सहपुर तहसील के सेमरी बाजार निवासी कलावती व अमदेवा निवासी दयाराम पाल ने बताया कि उनके परिवार के किसी भी सदस्य को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई गई है। चांदा के अरजो निवासी विकास मिश्र, इंदौली के राकेश यादव, कोथरा के एहसान राइन ने फाइलेरिया अभियान से अनजान हैं। दूबेपुर ब्लाक के बनकेपुर निवासी अकबर, नेवादा इशहाकपुर के श्यामलाल, कुतुबपुर के जगदीश, उतुरी निवासी रामकुमार गुप्ता व सत्यराम मौर्य को भी दवाएं नहीं मिलीं।

कोट

कुछ इलाकों में दवाएं न खिलाने की बात सामने आई है। लापरवाह आशा बहुओं का मानदेय रोकने के साथ ही पर्यवेक्षकों से स्पष्टीकरण तलब किया गया है। छूटे लोगों को दवा खिलाने के लिए तीन दिन का मापक राउंड चलाने को सीएचसी प्रभारियों को निर्देशित किया गया है।

-डॉ.सीबीएन त्रिपाठी, सीएमओ।


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