पौराणिक घाटों पर श्रद्धालुओं ने लगाई डुबकी
मौनी अमावस्या पर लोगों ने किया स्नान-दान व ध्यान दिखा मेले जैसा माहौल
सुलतानपुर : मौनी अमावस्या पर्व पर शुक्रवार को आदि गंगा गोमती में स्नान-दान व ध्यान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। शहर के सीताकुंड से लेकर दियरा, धोपाप व करौंदीकला के इमिलिया घाट पर भी लोगों ने स्नान किया। इस दौरान लगे मेले में भी लोगों ने जरूरत की चीजों की खरीदारी की। सुरक्षा के लिहाज से सीताकुंड घाट पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी।
मान्यता है कि शहर के सीताकुंड घाट पर माता सीता ने स्नान किया था। इसी परंपरा के अनुसार इस घाट पर नहाकर पूजन-अर्चन करने की परंपरा है। सूर्याेदय के पहले ही आस्था की डुबकी लगाने की इच्छा के चलते मौनी अमावस्या की पूर्व संध्या पर दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु सीताकुंड घाट के आसपास जुटने लगे। सुबह के दस बजते ही श्रद्धालुओं को भारी भीड़ जमा हो गई। स्नान-ध्यान का यह सिलसिला दोपहर बाद तक चलता रहा। भीड़ ज्यादा होने पर श्रद्धालु घाट से इतर नदी के पूरब व पश्चिम छोर पर स्नान करते दिखाई दिए। श्रद्धालुओं की सेवा करने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता भी आगे रहे।
अव्यवस्थाओं का रहा बोलबाला
परंपरागत इस त्योहौर को लेकर उमड़ने वाली भीड़ को लेकर प्रशासन को बाखूबी जानकारी थी। बावजूद इसके श्रद्धालुओं की सहूलियतों के लिए किए गए इंतजाम नाकाफी साबित हुए। दीवानी चौराहे से सीताकुंड तक जाने वाले वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया गया था। पुलिस की निष्क्रियता से वाहन चालक बेखौफ भीड़ के बीच पहुंचते रहे और लोगों को समस्याओं को सामना करना पड़ा। वस्त्र बदलने के लिए कोई व्यवस्था नहीं होने से महिला श्रद्धालुओं को संकोच करना पड़ा।
श्रद्धालुओं ने की जमकर खरीदारी
दीवानी चौराहे पर नगर पालिका द्वारा अतिक्रमण हटाए जाने से इस बार दुकानदारों को अपनी दुकान सजाने का खूब मौका मिला। स्नान करने के बाद घर लौटते वक्त लोगों ने मिठाई, घरेलू सामान, सौंदर्य प्रसाधन के सामानों की जमकर खरीदारी की। गुब्बारे व बांसुरी खरीदने के लिए बच्चे अपने अभिभावकों से जिद करते दिखाई दिए। परंपरा के अनुसार दान के रूप में लोग नदी में सिक्का फेंकते हैं। सिक्कों को बटोरने के लिए बच्चे डुबकी लगाते दिखाई दिए।