दुकानें बंद होने से बढ़ रहा नुकसान, व्यापारी परेशान
लापरवाह नागरिकों से नियमों का अनुपालन अधिकारी करा रहे है। वहीं नुकसान पर व्यापारी संगठनों ने ज्ञापन भी सौंपा है।
सुलतानपुर : शहर में लागू लॉकडाउन के कारण सोमवार को भी समस्त व्यवसायिक गतिविधियां ठप रही। जरूरी आवगमन ही चालू रहा। नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए सीलिग प्वाइंट पर पुलिस के जवान तैनात रहे। फिर भी जीवन के प्रति बेपरवाह लोगों का आना-जाना लगा रहा। उन्हें अफसर चेतावनी देकर वापस भेजते रहे। उधर, 48 घंटे के लिए सील विकास भवन में स्थिति सामान्य हो गई। अधिकारी व कर्मचारी बैठने लगे। इन सबके बीच लॉकडाउन ने कारोबारियों की बेचैनी बढ़ा दी है।
शहर में प्रतिदिन कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। शहर का दो तिहाई हिस्सा हॉटस्पॉट जोन में तब्दील हो चुका है। जिस वजह से 14 अगस्त तक लॉकडाउन लागू है। सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान इसी क्षेत्र में आते हैं। बंदी तकरीबन 15 हजार व्यवसायी भी प्रभावित हो रहे हैं। कारोबार के ठप होने ओर उनकी जीवन बसर की स्थिति मुश्किल हो गई।
दुकान खोलने की मांग को लेकर ज्ञापन : 23 जुलाई से नगर में दोबारा लॉकडाउन घोषित किए जाने से बंद दुकानों को खोलने के लिए व्यापारियों ने प्रशासन व जनप्रतिनिधियों को ज्ञापन दिया। सोमवार को नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल की ओर से नगर अध्यक्ष मनोज अग्रवाल, संदीप सोनी, शिवम श्रीवास्तव, निकेत प्रताप आदि ने सीएम को प्रेषित मांग पत्र प्रशासनिक अधिकारी को कलेक्ट्रेट में दिया। वहीं सांसद मेनका गांधी को दूबेपुर में और विधायक सूर्यभान सिंह के आवास पर ज्ञापन दिया। अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री रवींद्र त्रिपाठी के नेतृत्व में राजेंद्र कसौधन, चरनजीत सिंह आदि ने सीआरओ को मांगपत्र दिया। जिसमें कहा गया है कि चार माह से कारोबार ठप है। तीन चौथाई व्यवसायी रोज के कारोबार पर निर्भर हैं। उनका परिवार संकट में है। जीविकोपार्जन के लिए दुकानों का खोला जाना जरूरी है। सप्ताह में कम से कम छह दिन बाजार खुलें। व्यापारियों ने कहा कि सीएम ने उसी घर या बिल्डिग को सील करने की बात कही है, जहां संक्रमित मरीज मिले।