सरकारी दफ्तरों में कोरोना संक्रमण के प्रति अनदेखी
खाली पड़ी है कोविड हेल्प डेस्क नहीं बरती जा रही सतर्कता। कार्यालय आने वाले लोगों की नहीं हो रही थर्मल स्क्रीनिंग।
सुलतानपुर : आमजन में कोरोना संक्रमण के प्रति लापरवाही लगातार बढ़ रही है। वहीं, सरकारी तंत्र भी संक्रमण की रोकथाम को लेकर गंभीर नहीं है। कार्यालयों में स्थापित कोविड हेल्प डेस्क खाली हैं। ऐसे में आगंतुकों की कार्यालयों के कक्षों तक बेरोकटोक आवाजाही है। मास्क की चेकिग भी नहीं हो रही है। न ही थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था है। ऐसे में भीड़भाड़ वाले सरकारी दफ्तर संक्रमण के लिहाज से संवेदनशील हैं।
दरअसल, सैकड़ों की संख्या में यहां रोजाना लोगों की आवाजाही होती है। बावजूद इसके विभाग और जिम्मेदार लोग दूरदराज से आने वाले लोगों में संक्रमण के प्रति सचेत नहीं हैं। बीते जून में लाकडाउन के दौरान जब आंशिक रूप से दफ्तर खोले गए तब ज्यादातर कार्यालयों में कोविड हेल्प डेस्क स्थापित की गई थी, जहां पर सैनिटाइजर के साथ थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई। हर आगंतुक का नाम पता रजिस्टर पर अंकित किया गया। मास्क लगाने और शारीरिक दूरी रखने के प्रति निरंतर सचेत किया जाता रहा। लेकिन, वक्त गुजरने के साथ उपरोक्त व्यवस्थाएं बेपटरी हो गईं।
आलम ये है कि प्रमुख दफ्तरों में कोविड हेल्प डेस्क के नाम पर एक मेज और बैनर लटक रहा है। न यहां काई रोकटोक है और न ही किसी भी आगंतुक को सैनिटाइज किया जाता है। विकास भवन के प्रथम तल पर यह डेस्क महज रस्म अदायगी के लिए सुबह दस से सायं पांच बजे तक लगी रहती है। पीडब्ल्यूडी, सिचाई, नगर पालिका व श्रम जैसे भीड़भाड़ वाले विभागों में भी हालात ऐसे ही हैं।
मुख्य विकास अधिकारी अतुल वत्स ने बताया कि पंचायत चुनाव की व्यस्तता के चलते हेल्प डेस्क को सक्रिय नहीं किया जा सका है। शीघ्र ही सभी विभागाध्यक्षों को संक्रमण की रोकथाम के प्राथमिक उपाय करने के निर्देश दिए जाएंगे।
दूसरे दिन भी कोर्ट परिसर में दिखी बेफिक्री :
कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए हाईकोर्ट से जारी निर्देश के दूसरे दिन भी दीवानी न्यायालय परिसर में लोगों के बीच बेफिक्री का आलम रहा। रोजना की तरह पूर्वी व मेनगेट से बिना थर्मल स्क्रीनिंग के लोग आते रहे। किसी अदालत में गवाही नहीं दर्ज की गई, मगर बिना मास्क के घूम रहे लोगों की बड़ी संख्या में मौजूदगी रही।