अवैध खनन से हरियाली की जड़ पर वार
सुलतानपुर : अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करते इंसान ने पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की जिदगी क
सुलतानपुर : अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ करते इंसान ने पर्यावरण के साथ-साथ लोगों की जिदगी को भी खतरे में डालता जा रहा है। धरती से हरे-भरे वृक्षों की घटती संख्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट से लेकर राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण तक चिता जाहिर कर चुके हैं। ताकि लोग जागरूक होकर अधिक से अधिक पौधों की रोपाई कर आने वाली पीढ़ी को शुद्ध पर्यावरण व पर्याप्त आक्सीजन दे सकें, लेकिन हम आपको सुलतानपुर जिले की एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं, जिसने पर्यावरण के सामने कठिन चुनौती पैदा कर दी है। बल्दीराय तहसील में ग्राम पंचायत मंझवारा समेत अन्य गांवों में नियम-कानून ताक पर रखकर माफिया मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। लिहाजा पेड़ों की जड़ों तक की मिट्टी निकाल लिए जाने से वह सूखने लगे हैं। हैरानी की बात है कि शासन-प्रशासन इसे लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखा रहा है।
यह हाल तब है जब जिले में हरियाली बढ़ाने के लिए प्रति वर्ष लाखों-करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाए जाते हैं। प्रशासन की हीलाहवाली से माफिया के हौसले बुलंद हैं और वह इस क्षेत्र में करीब 20 बीघे जमीन से मानकों के विपरीत खनन कर रहे हैं।
इस भीषण गर्मी में जड़ों में पर्याप्त मिट्टी नहीं होने से जाइलम व फ्लोयम ऊतक अपना कार्य नहीं कर पा रहे है। लिहाजा पौधों की कोशिकाओं को भोजन पानी नहीं पहुंच पाने से हरे-भरे पेड़ तेजी से सूखने लगे हैं।
किसानों ने प्रशासन को कोसा
किसान बृजेंद्र कुमार तिवारी ने कहा की मिट्टी खोदाई का कहर सिर्फ मंझवारा में ही नहीं, बल्कि तहसील में सिक्सलेन जहां से भी गुजरी है वहां भी यही हालत है। इसकी शिकायत ग्रामवासियों ने जिलाधिकारी से करते हुए मामले की जांच कराए जाने की मांग की है। किसान भगौती प्रसाद ने कहा कि क्षेत्र में सैकड़ों बीघा जमीन की खुदाई कर मिट्टी निकाल ली गई है। तीन फुट मिट्टी का एग्रीमेंट हुआ, लेकिन 15 फुट गहराई तक खोदाई की गई। किसान कर्मराज ने कहा कि नियमों का उल्लंघन कर खोदे गड्ढे जानलेवा साबित हो रहे हैं। साथ ही जमीन खेती करने लायक नहीं रह जा रही।
वर्जन-मामले की शिकायत प्राप्त हुई है। जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
प्रिया सिंह, उपजिलाधिकारी, बल्दीराय
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