11 दिन गुजर गए ,नहीं शुरू हो सकी धान की खरीद
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संवादसूत्र, सुलतानपुर : पहली नवंबर से शुरू हुई धान की खरीद के जरिए एक दाना भी सरकारी गोदामों में नहीं पहुंच सका है। किसानों को समृद्धि बनाने की मंशा मार्के¨टग और सहकारी समिति के कर्मचारियों की हड़ताल के चलते तार-तार हो रही है। अब हालात यह हो गए हैं कि खेतिहरों के समक्ष घरों में रखे अनाज को बचाने का संकट आ गया है। वहीं रही-सही कसर चावल मिल संचालकों का समझौता प्रशासन से न हो पाने के कारण पूरी हो जा रही है।
राइस मिलर अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। जिसे पूरा करने में असमर्थता जता रहा प्रशासन अभी मिल संचालकों से धान की कुटाई के बाबत एग्रीमेंट नहीं कर सका है। लिहाजा खरीदे जाने वाले धान के भंडारण की समस्या भी अफसरों को सता रही है। साथ ही चावल मिल से सरकारी गोदाम में पहुंचने वाला अनाज जो गरीबों को बांटने के लिए सुरक्षित रखा जाता है उसके लिए भी कठिनाई उत्पन्न होने की संभावना जताई जा रही है। वहीं राज्य कर्मचारी के समक्ष पेंशन व वेतन आदि दिए जाने की मांग को लेकर सहकारी समिति के कर्मचारी भी हड़ताल पर चले गए हैं। वे भी समझौते के मूड में फिलहाल नहीं दिख रहे हैं। इससे जिले के तकरीबन साठ फीसद से ज्यादा धान खरीद केंद्रों पर ताला लटका है।
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अधिकतर क्षेत्रों में नहीं बनाए गए हैं केंद्र
लम्भुआ, धनपतगंज सहित कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां के किसान खरीद केंद्र बनाए जाने की मांग कर रहे हैं। विपणन विभाग ने जिन 28 केंद्रों को बनाए जाने की घोषणा की है। उससे ये क्षेत्र उपेक्षित हैं।
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कैसे बचाएं उपज
जिले के किसान धान की उपज घर में रखकर परेशान हो रहे हैं। उन्हें घर खाली करने और रवी फसल की बोआई के बाबत तत्काल नगदी की व्यवस्था सता रही है। यदि धान अधिक समय तक घरों में डंप पड़ा रहा तो उसमें नमी बढ़ती जाएगी और उसके खराब होने की संभावना बढ़ जाएगी। किसान नेता हृदयराम वर्मा, संदीप श्रीवास्तव कहते हैं कि अधिकारियों की उदासीनता के चलते किसानों की उपज बर्बाद हो रही है। उनके अनाज की कीमत मिलना तो दूर अब उन्हें सुरक्षित रखना भी कठिन हो रहा है।
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सोमवार को सभी क्रय केंद्रों का निरीक्षण किया जाएगा। धान खरीद के हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
हर्षदेव पांडेय, एडीएम प्रशासन