कम होने लगा गोमती का जलस्तर पर मुश्किलें बरकरार
पीड़ित खानाबदोश की जिदगी जी रहे हैं। कई परिवार स्कूल में तो कुछ पंचायत भवन में शरण लिए हुए हैं। अधिकांश तो गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं। वहीं प्रशासन की नजर में बाढ़ जैसे हालात नजर नहीं आ रहे हैं।
सुलतानपुर : बीते दो दिनों से गोमती नदी का जलस्तर धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन ग्रामीणों की मुश्किलें कम नहीं हो रही है। गांवों में चारों ओर पानी ही पानी नजर आ रहा है। दर्जनों घर पानी में समा गए हैं, तो वहीं खेत-खलिहान का वजूद ही समाप्त हो चुका है।
हालात यह हैं कि पीड़ित खानाबदोश की जिदगी जी रहे हैं। कई परिवार स्कूल में तो कुछ पंचायत भवन में शरण लिए हुए हैं। अधिकांश तो गांव छोड़कर पलायन कर चुके हैं। वहीं प्रशासन की नजर में बाढ़ जैसे हालात नजर नहीं आ रहे हैं। सात दिन बीतने के बाद भी शासन-प्रशासन की ओर से कोई इमदाद भी नहीं पहुंच सकी है।
पानी घटाने को लेकर बाढ़ पीड़ित चितित : पीड़ित नीरज मिश्र, बबलू मिश्र, राम उजागिर, एसपी दुबे, पिन्टू यादव, राम सुंदर आदि इस बात को लेकर चितित हैं कि नदी का जलस्तर कम तो हो रहा है, लेकिन बहुत धीरे-धीरे हो रहा है। पूर्व में आई बाढ़ का जलस्तर तेजी से कम भी हुआ था। दो दिनों में हुई बरसात से उन्हें आशंका है कि एकाएक गोमती बढ़ सकती हैं। ऐसे में वे क्या करेंगे।
बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग : गोमती नदी के तटवर्ती इलाकों अमऊ, जासरपुर, कोलिया, दुबोलिया, बनमनसा का पुरवा, लाठियाही, मंझरिया, सिहोरिया, औदहा, नौगंवा, के तराई इलाकों में सात दिनों से बाढ़ का पानी से भरा है। इसके चलते लोगों की हजारों एकड़ धान की खड़ी फसल पानी में समा गई। लोगों की गृहस्थी को भारी नुकसान हुआ है। नदी के कटान में सैकड़ों बीघा जमीन जल धारा में समा गई। बलराम मिश्र, अनन्त राम, विन्ध प्रसाद, राम उजागिर, रमेश, राम नयन मिश्र, शंकर मिश्र आदि लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बाढ़ क्षेत्र घोषित करने की मांग की।
सड़कों पर चल रही नाव : मायंग, धनपतगंज, कुड़वार आदि मार्गों पर नाव चलती नजर आई। लोग किसी तरह नाव के सहारे अपने जरूरी कामकाज निपटा रहे हैं। वहीं अधिकांश बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। अभिभावक किसी तरह का खतरा मोल नहीं लेना चाहते। शनिवार की शाम नदी का जल स्तर 83.780 मीटर दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 84.735 से तकरीबन एक मीटर नीचे है।
सोलर लालटेन की व्यवस्था : सात दिन से अंधेरे में रात गुजर रहे बाढ़ पीड़ितों को सरकार द्वारा मिट्टी के तेल की व्यवस्था आज तक नहीं की गई। बिजली काट दी गई हैं, जिसको ध्यान में रख कर जिला पंचायत सदस्य प्रतिनिधि धर्मेश मिश्र ने 50 परिवारों के लिए सोलर लालटेन की व्यवस्था की।