अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसल का दिया जाएगा मुआवजा
पहाड़ों में हुई भारी बरसात का असर जिले में भी देखने को मिला है। बीते तीन दिनों में हुई तेज हवाओं के साथ हुई बरसात से जिले में धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
सुलतानपुर : अतिवृष्टि में बर्बाद हुई फसलों की भरपाई किसानों को की जाएगी। इसके लिए नए सिरे से आंकलन किया जाएगा। कृषि निदेशालय ने विभाग को इस आशय के निर्देश दिए हैं। राजस्व विभाग के कर्मी नुकसान की आनलाइन फीडिग करेंगे। सितंबर में हुई अधिक वर्षा से फसल को हुई क्षति की भी भरपाई की जाएगी।
पहाड़ों में हुई भारी बरसात का असर जिले में भी देखने को मिला है। बीते तीन दिनों में हुई तेज हवाओं के साथ हुई बरसात से जिले में धान की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है। खेतों में खड़ी धान की फसल जहां तेज हवा से गिर गई है। वहीं बरसात से हुए जलभराव के कारण बालियों का सड़ना भी तय है। ऐसे किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। नुकसान का मुआवजा पाने के पात्र वह किसान होंगे, जिनकी फसल को 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान पहुंचा है। सितंबर में लगातार बारिश से लंबे समय तक खेतों में भरा रहा इससे धान के साथ दलहनी और तिलहनी फसलों को नुकसान हुआ। वर्षा के बाद जिन किसानों की फसलें बर्बाद हुई हैं, उनका आंकलन क्षेत्रीय लेखपाल कर रहे हैं। मौके से ही उन्हें क्षति का आंकलन कर इसकी फीडिग के आदेश हैं। बावजूद इसके यह काम बेहद सुस्त है। अब नए सिरे से फिर आकलन किए जाने से किसानों को यह अनुदान पाने में इंतजार करना पड़ सकता है। जिले में तकरीबन 96 हजार हेक्टेयर में धान की फसल लगी है। वर्षा से हर तहसील क्षेत्र में इस फसल को नुकसान हुआ है।
तापमान तेज रहने पर उबर सकेंगे अन्नदाता : आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आरआर सिंह ने कहा कि अवध क्षेत्र में अधिकतर किसान लेट वैराइटी का धान रोपते हैं। इनकी कटाई नवंबर के अंत तक होती है। उन्होंने अगेती फसल वाले किसानों को सलाह दी है कि पानी निकासी का इंतजाम करे और कटाई योग्य धान को काट लें। उन्होंने कहा कि सकल उत्पादन में अधिक कमी न होने की उम्मीद हैं। तापमान बढ़ने पर किसान नुकसान से कुछ हद तक उबर पाएंगे।
जिम्मेदार के बोल
निदेशालय से फसल को हुई क्षति का आकलन करने के निर्देश जारी किए गए हैं। इसे शीघ्र शुरू किया जाएगा। रिपोर्ट शासन को प्रेषित की जाएगी।
सदानंद चौधरी, प्रभारी उप निदेशक कृषि