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31 घंटे बाद घूमा चीनी मिल का पहिया, किसानों ने ली राहत

तीन पैन पर पेराई शुरू की गई। नई पैन की खरीद के लिए स्टीमेट भेजा। किसानों को थोड़ी राहत मिली।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jan 2021 12:17 AM (IST)Updated: Fri, 22 Jan 2021 12:17 AM (IST)
31 घंटे बाद घूमा चीनी मिल का पहिया, किसानों ने ली राहत
31 घंटे बाद घूमा चीनी मिल का पहिया, किसानों ने ली राहत

सुलतानपुर : कई साल से जर्जर संयंत्रों के सहारे चलाई जा रही जिले की इकलौती किसान सहकारी चीनी मिल गन्ना किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। हालांकि मिल प्रबंधन ने 31 घंटे बाद तीन पैन पर ही पेराई शुरू करा दी है, जिससे किसानों को थोड़ी राहत जरूर मिल गई। देखना यह है कि मिल कब तक सुचारू रूप से चल सकेगी।

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मंगलवार की रात चीनी बनाने में लगे चार पैन में चौथा पैन फट गया। इससे गन्ने की पेराई ठप हो गई थी। एक माह के भीतर लगातार सातवीं बार मिल में पेराई बाधित होने से किसानों की मुश्किलें बढ़ गई थी। रात में ही अधिकारियों ने निरीक्षण किया। इसके बाद अगले दिन बुधवार को इंजीनियर की मौजूदगी में देर रात तीन पैन की जांच की। गुरुवार की सुबह नौ बजे अधिकारियों ने तीन पैन पर ही मिल का चालू करा दिया। चीनी मिल प्रबंधक प्रताप नारायण ने बताया की जर्जर प्लांट होने के चलते फाल्ट आ जाता है। मिल सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

80 लाख खर्च होने के बाद भी मिल की स्थिति में सुधार नहीं :

चीनी मिल के रखरखाव के नाम पर 80 लाख खर्च हो गए, लेकिन अभी तक मिल ठीक ढंग से नहीं चल सकी है। बताते चले कि मिल में लगे ये पैन निर्माण के समय से ही लगे थे। इसे अभी तक बदला नहीं गया था।

22 दिसंबर को चली थी मिल :

2020 -21 का पेराई सत्र का शुभारंभ 11 दिसंबर को विधिवत हवन पूजन के साथ हुआ, लेकिन मिल का पहिया 22 दिसंबर को डोला। मिल चालू हुई तो किसानों में खुशी छा गई, लेकिन जर्जर चीनी मिल से उम्मीद लगाए किसानों को निराशा हाथ लगी। जब आए दिन मिल का पहिया ठप हो जा रहा है।

घट रहा रकबा :

लगातार मिल के खराब होने से किसानों का भरोसा टूट रहा है। पिछले वर्ष चार हजार नौ सौ हैक्टेयर में गन्ना सर्वे हुआ था। इस वर्ष मात्र दो हजार नौ सौ हेक्टेयर गन्ना का सर्वे हुआ है। पिछले वर्ष पेराई लक्ष्य 16 लाख क्विंटल था, जो कि इस वर्ष घटकर 12 लाख पचास हजार का लक्ष्य रखा गया है। एक माह में अभी तक दो लाख 46 हजार क्विंटल गन्ना पेरा जा चुका है।


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